नेशनल हाइवे (National Highway) पर टोल कलेक्शन (Toll collection) में जुलाई महीने में बड़ा सुधार देखा गया. इस महीने में टोल कलेक्शन कोविड- 19 (Covid-19) से पहले की स्थिति के 85 प्रतिशत तक पहुंच गया. रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने 24 अगस्त को यह जानकारी देते हुए कहा कि यह स्थिति अगर जारी रहती है तो 2020-21 में टोल कलेक्शन में कमी 10 प्रतिशत से भी कम रह सकती है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इक्रा ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के शुरुआती चार माह में कुल मिलाकर ट्रैफिक की स्थिति में अच्छा सुधार देखा गया है. इस बीच जेनरेट किए गए ई-वे बिलों से भी यह स्थिति देखी जा सकती है. यह रुझान अगर आगे भी जारी रहता है तो वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट के लिए टोल कलेक्शन अमाउंट 10 प्रतिशत से भी कम रह सकती है.

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इक्रा ने कहा है कि नेशनल हाइवे पर 20 अप्रैल से टोल वसूली शुरू होने के बाद से कमर्शियल गाड़ियों की आवाजाही में तेजी से सुधार आया है. पिछले तीन माह में यह आवाजाही कोविड-19 से पहले की स्थिति के 90 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है. हालांकि, पैसेंजर गाड़ियों की अगर बात की जाए तो इसमें अभी पूरी तरह सुधार आना बाकी है.

इसमें कहा गया है कि अनलॉक के फेज में कोरोना वायरस संक्रमण में लगातार बढ़ोतरी जारी रहने, कई राज्यों के हिस्सों में लॉकडाउन को फिर से लगाए जाने और देश के कई हिस्सों में मानसून की भारी बारिश से जुलाई के पहले पखवाड़े में सुधार की स्पीड बाधित रही लेकिन इसके बाद माह के दूसरे पखवाड़े में टोल वसूली कोविड-19 से पहले के लेवल के 87 प्रतिशत तक पहुंच गई.

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इक्रा के सीनियर अधिकारी राजेश्वर बुरला ने कहा कि प्रमुख नेशनल हाइवे पर जो मेन सड़क हैं उनमें कमर्शियल गाड़ियों से 70 से 75 प्रतिशत टोल कलेक्शन हो रहा है. पैसेंजर गाड़ियों का हिस्सा टोल कलेक्शन में एक चौथाइै से कम है. कमर्शियल गाड़ियों में जहां 90 प्रतिशत वाहन सड़कों पर आ चुके हैं वहीं पैसेंजर कारों में कोविड-19 से पहले के लेवल के मुकाबले 60 प्रतिशत गाड़ियां ही सड़कों पर आई हैं.