महाराष्ट्र में एक ओर सरकार ने मॉल्स को रात 10 बजे तक शुरू रखने की छूट दे दी है. लेकिन दूसरी ओर राज्य में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियंट के 10 नए मामले रिपोर्ट होने की खबर ने टेंशन बढ़ा दी है. नए मामले राज्य के अलग अलग इलाकों से रिपोर्ट हुए हैं. हफ्ते भर पहले राज्य में 20 नए मरीज रिपोर्ट हुए थे, अब इतने कम समय में फिर नए मरीज रिपोर्ट होने से चिंता बढ़ गई है.

राज्य में डेल्टा प्लस के कितने मरीज

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महाराष्ट्र राज्य में कोरोना  की दूसरी लहर का मैनेजमेंट अच्छी तरह हुआ था. तीसरी लहर के मुहाने पर खड़े देश में अतिसंक्रामक कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियंट की रोकथाम के लिए सरकारें तमाम इंतेजामों में कमर कसे खड़ी हैं. लेकिन मामले कम होने के बजाए बढ़ते जाने से राज्य में कोरोना मैनेजमेंट को लेकर मुश्किलें भी बढ़ती दिखाई दे रही हैं.

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समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक सोमवार को प्रदेश में डेल्टा प्लस के 10 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं. इनमें से 6 मामले कोल्हापुर में, 3 मामले रत्नागिरी में और एक मामला सिंधुदुर्ग में दर्ज हुआ है. अब डेल्टा प्लस के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 76 हो चुकी है. जबकि डेल्टा प्लस के इन्हीं कुल 76  मरीजों में से 5 मरीजों की मौत हो चुकी है.

हफ्ते भर पहले मिले थे 20 नए मरीज

इससे पहले 8 अगस्त रविवार के दिन 20 नए मामले रिपोर्ट हुए थे. तब सबसे ज्यादा मामले मुंबई और सबअर्बन एरिया से रिपोर्ट हुए थे. मुंबई के बाद पुणे में तीन मरीज दर्ज हुए थे. अब नए जगहों पर डेल्टा प्लस के मामलों ने थोड़ी चिंता बढ़ा दी है.

इधर मॉल्स के लिए राहत

एक ओर डेल्टा प्लस के नए मामलों ने कोरोना मैनेजमेंट को लेकर चिंता बढ़ा दी है. वहीं प्रदेश सरकार ने मॉल्स शुरू करने की समय सीमा में नरमी बरतते हुए इसे रात 10 बजे तक शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है. अब राज्य में मॉल्स रात दस बजे तक शुरू रखे जा सकेंगे. सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि मॉल्स संचालकों को अपने सारे स्टाफ को फुली वैक्सीनेटेड रखना होगा. कर्मचारी को कोरोना की दूसरी डोज़ के 14 के बाद ही सर्टिफिकेट दिखाने पर ड्युटी पर लिया जा सकेगा.

बच्चों को दिखाना होगा एज प्रूफ आईडी

इसी तरह मॉल्स के लिए नियमों में ढिलाई के साथ ये भी कहा गया है कि 8 साल से कम उमर के बच्चों के मॉल्स में आने के लिए उन्हें अपने साथ उमर बतानेवाले पहचान पत्रों (IDs) को दिखाना पड़ेगा. इन पहचान पत्रों में आधार कार्ड, पैनकार्ड या स्कूल-कॉलेज के ऐसे आईडेंटिटी कार्ड्स हो सकते हैं जिनमें डेट ऑफ बर्थ साफ साथ लिखी हो.