बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अगुवाई में सात सदस्यीय मंत्रिसमूह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने के बाद राज्यों की आमदनी में आ रही कमी के मुद्दे की समीक्षा करेगा. साथ ही उनकी आय बढ़ाने के लिए अपनी सिफारिशें भी सौंपेगा. जीएसटी परिषद की ओर से जारी अधिसूचना में यह कहा गया है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने 22 दिसंबर, 2018 को जीएसटी लागू किये जाने के बाद से राज्यों के राजस्व में कमी के कारणों के विश्लेषण के लिए मंत्रिसमूह बनाने का निर्णय किया था.

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इन राज्यों की आय में कमी

1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, गोवा, बिहार, गुजरात और दिल्ली की आय में कमी दर्ज की गई है. अप्रैल-नवंबर की अवधि में इन राज्यों की आय में 14-37 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है. केंद्रशासित प्रदेशों में पुडुचेरी को सबसे अधिक नुकसान उठा पड़ा है. उसकी आय में 43 प्रतिशत की कमी आई है. समिति जीएसटी लागू किये जाने से पहले और बाद में प्रदेशों द्वारा अर्जित किये जाने वाले राजस्व के स्वरूप पर गौर करेगी.

इन राज्यों की आय बढ़ी

जीएसटी लागू होने के बाद 31 राज्य सरकारों में केवल आंध्रप्रदेश और पूर्वोत्तर के पांच राज्य मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम और नागालैंड की आय बढ़ी है. पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक, कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री कृष्णा बी. गौड़ा, ओडिशा के वित्त मंत्री शशि भूषण बेहेरा, हरियाणा के राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और गोवा के पंचायत मंत्री मौविन गोडिन्हो इस मंत्रिसमूह के सदस्य होंगे. अप्रैल-नवंबर 2018 की अवधि में केंद्र सरकार ने राज्यों के राजस्व के नुकसान के मुआवजे के तौर पर 48,202 करोड़ रुपये जारी किए हैं. जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की पूरी अवधि में यह मुआवजा राशि 48,178 करोड़ रुपये थी.

 

सुशील मोदी, उपमुख्यमंत्री, बिहार (फाइल फोटो)

इन्हें हुआ था सबसे अधिक राजस्व घाटा

आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से अगस्त के बीच सबसे अधिक राजस्व घाटा दर्ज करने वाले 10 राज्यों में पुदुचेरी (42%), पंजाब-हिमाचल प्रदेश (36% प्रत्येक), उत्तराखंड (35%), जम्मू कश्मीर (28%), छत्तीसगढ़ (26%), गोवा (25%), ओडिशा (24%), कनार्टक-बिहार (20% प्रत्येक) हैं. 1 जुलाई 2017 से लागू हुए माल और सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद मार्च 2018 तक राज्यों के जीएसटी राजस्व का घाटा औसतन 16 फीसद रहा. 

(इनपुट एजेंसी से)