Farmers Protest: किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को लेकर बड़ी खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन नए कृषि कानून पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है. नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) और किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई चल रही है. कोर्ट ने किसानों से बातचीत के लिए एक कमेटी का गठन भी किया है. 

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि किसानों की चिंताओं को कमेटी के सामने रखे जाने की जरूरत है. 

कोर्ट (Supreme Court) में किसानों की ओर से वकील एमएल शर्मा ने कहा कि किसान कमेटी के पक्ष में नहीं हैं और हम कानूनों की वापसी ही चाहते हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन बेच दी जाएंगी. 

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने वकील से पूछा कि ये कौन कह रहा है कि जमीन बिक जाएंगी? इस पर एमएल शर्मा ने कहा कि अगर हम कंपनी के साथ अनुबंध करेंगे और फसल क्वालिटी अच्छी नहीं हुई तो कंपनी उनसे भरपाई मांगेगी.

 

इस पर CJI ने कहा कि हम अंतरिम आदेश में कहेंगे कि ज़मीन को लेकर कोई कांट्रेक्ट नहीं होगा.

चीफ जस्टिस ने कहा, 'हम चाहते हैं कि किसान कमेटी के पास जाएं, हम इस मुद्दे का हल चाहते हैं और अनिश्चितकालीन प्रदर्शन से हल नहीं निकलेगा.' उन्होंने कहा, 'कोई भी हमें कमेटी बनाने से नहीं रोक सकता है. जो कमेटी बनेगी, वो हमें रिपोर्ट देगी.' 

CJI ने कहा कमेटी हम अपने लिए बना रहे है और कमेटी हमें रिपोर्ट देगी. कमेटी के समक्ष कोई भी जा सकता है. 

बातचीत के लिए कमेठी का गठन (Court forms a committee)

सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले को सुलझाने और किसानों से बाचतीत के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है. इस कमेटी में कुल चार लोग शामिल होंगे, जिनमें भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी और अनिल शेतकारी को शामिल किया गया है.

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