तेजस मोदी. देश में सोलर ऊर्जा का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. इस सिलसिले में सूरत ने रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में खास कदम उठाया है. रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में देश की शीर्ष नगर महापालिका में शामिल सूरत महानगर पालिका ने शहर भर में जल वितरण के लिए जरूर ऊर्जा की आपूर्ति रूफटॉप सोलर पैनल से शुरू कर दी है. ऐसा करने वाली सूरत महानगर पालिका देश की पहली महानगर पालिका है जो जल वितरण के लिए बिजली कंपनी पर निर्भर नहीं है.

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सूरत महानगर पालिका ने अपनी बिजली की खपत को काफी हद तक सौर ऊर्जा से पूरा करना शुरू कर दिया है. अब तक पांच मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं. साथ ही हाल ही में एक मेगावाट क्षमता के प्लांट का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उदघाटन किया है, जिसके चलते अब 6 मेगावाट बिजली के उत्पादन की केपेसिटी हो गई है. इसमें से चार मेगावाट बिजली का इस्तेमाल जल वितरण व्यवस्था के लिए आरक्षित किया गया है.

शहर भर में महानगर पालिका के वाटर वर्क्स, वाटर डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं. इनमें सरथाणा वाटर वर्क्स, कतारगाम वाटर वर्क्स, रांदेर वाटर वर्क्स, वराछा वाटर वर्क्स, कोसाड वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीमाणा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, उधना वाटर डिस्ट्रिब्यूशन स्टेशन, मगोब वाटर डिस्ट्रिब्यूशन स्टेशन समेत अन्य स्टेशन शामिल हैं. 

सूरत नगर महापालिका के आयुक्त एम थेन्नारसन के मुताबिक छह मेगावाट के प्लांट के जरिए 83 लाख यूनिट का उत्पादन होता है, जिसमें से चार मेगावाट के प्लांट से सालभर में करीब 53 लाख यूनिट पैदा हो रही है, जो नगर महापालिका के हाइड्रोलिक सिस्टम पर इस्तेमाल हो रही है. इसके साथ ही नगर महापालिका ने जल वितरण की पूरी व्यवस्था सोलर आधारित कर ली है.