पेट्रोल (petrol) और डीजल (diesel) की बढ़ती कीमतों के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सड़क परिवहन मंत्रालय (Road Transport Ministry) ने पेट्रोल और डीजल में एथनॉल मिलाने की सीमा को बढ़ा कर 20 फीसदी कर दिया है. सरकार के इस फैसले का फायदा द्वारिकेश (Dwarikesh), बलरामपुर चीनी (Balrampur Chini) और धामपुर (Dhampur) जैसी एथनॉल (ethanol) बनाने वाली कंपनियों को मिलेगा. सरकार के इस फैसले से किसानों को भी फायदा मिलेगा.

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बिहार सरकार को मिले 20 प्रस्ताव (Bihar government receives 20 proposals)

बिहार (Bihar) के उद्योग मंत्री (Industries Minister) सैयद शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को कहा कि राज्य में एथनॉल की इकाई स्थापित करने के लिए 20 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. बिहार विधानपरिषद (Bihar Legislative Council) में पेश वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उद्योग विभाग ( Department of Industries) के 1285.17 करोड़ रुपये की बजटीय मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब हुसैन ने कहा कि सोमवार को कहा कि राज्य में एथनॉल की इकाई स्थापित करने के लिए 20 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगर ये प्रस्ताव स्वीकार हो जाते हैं तो यहां एथनॉल का उत्पादन करीब 50 करोड लीटर पहुंच जाएगा .

कई देशों में होता है प्रोडक्शन (Production takes place in many countries)

हुसैन ने कहा कि बिहार एथनॉल का हब बनेगा तथा अगर राज्य में 1000 करोड लीटर एथनॉल बनता है तो इतनी ही पेट्रोल की बचत होगी . उनके अनुसार जो तेल खरीदने में डालर लगता है उसमें बिहार मदद करेगा. उन्होंने कहा, अमेरिका में एथनॉल का उत्पादन 876 हजार बैरल प्रतिदिन है. उसके बाद ब्राजील है जहां 403 हजार बैरल प्रतिदिन इसका उत्पादन किया जाता है. फिर चीन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, कोलंबिया, स्पेन है और बेल्जियम जैसा छोटा देश भी है तथा अस्ट्रेलिया के बाद 13 नंबर पर भारत है जो 5.30 हजार बैरल प्रतिदिन उत्पादन करता है .

ब्राजील में 40 फीसदी एथनॉल मिलाने की है इजाजत (40 percent ethanol is allowed to be added in Brazil)

हुसैन ने कहा, वर्तमान समय में जो इथेनॉल को पूरी दुनिया में पेट्रोल और डीजल में मिलया जा रहा है. ब्राजील में तो वर्तमान में यह 40 फीसदी है. उन्होंने कहा कि 2006-07 में ही गन्ने से इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने जो सोचा था, केंद्र की तत्कालीन सरकार ने अगर उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दिया होता तो आज हालात कुछ और ही होते.

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