दिल्ली वालों के लिए जरूरी खबर है. अब अनाधिकृत कॉलोनियों के निवासियों का बरसों पुराना सपना सच हो सकेगा. सरकार ने अनाधिकृत कॉलोनियों को मान्यता देने वाला विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया है. इस विधेयक का नाम है -National Capital Territory of Delhi (Reorganisation of Property Rights of Residents in Unauthorised Colonies) Bill 2019. इस विधेयक को शहरी मंत्रालय मंत्री हरदीप पुरी ने पेश किया. 

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दो बड़े फायदे

अब दिल्ली वालों को इस विधेयक के प्रावधान लागू होने पर दो बड़े फायदे होंगे.

-अनाधिकृत कॉलोनियों में घरों की रजिस्ट्री के हो पाएगी.

-पॉवर आफ एटार्नी, एग्रीमेंट आफ सेल, वसीयतनामा, हस्तांतरण पत्र से घरों का मालिकाना हक ट्रांसफर करने को मान्यता मिलेगी.

इन इलाकों में घरों की खरीद बिक्री स्टांट ड्यूटी चुका कर वैसे ही हो पाएगी वैसे ही दूसरे इलाके में होती है. हाल ही में सरकार ने इस मामले पर केबीनेट का फैसला भी लिया था तब ये बात सामने आई कि इस फैसले की वजह से सत्रह सौ से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों को राहत मिलेगी.

ये कॉलोनियां वे हैं जहां घरों का नक्शा‌ और अनापत्ति प्रमाण पत्र (NoC) सिविक अथॉरिटी द्वारा कई कारणों की वजह से स्वीकृत नहीं किए जाते. दिल्ली की जनसंख्या के साथ-साथ इस तरह कि कॉलोनियों में बढ़ोतरी देखी गई लेकिन इनकी खरीद बिक्री पावर ऑफ अटॉर्नी या किसी और एग्रीमेंट के तहत कई बार होती है. ऐसे में इन पर सरकार को स्टांप ड्यूटी भी नहीं मिलती.

लेकिन इसकी खरीद बिक्री में जुड़े लोग इनपर कमीशन लेते हैं. 2011 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से इन्हें पूर्ण ट्रांसफर नहीं माना जाता लिहाज़ा मालिकाना हक को लेकर एक शंका बनी रहती.

लेकिन केंद्र सरकार के विधेयक के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब अनाधिकृत कॉलोनियों में इस तरह की समस्या नहीं होगी साथ ही अनधिकृत होने की वजह से इन‌ कॉलोनियों में विकास की समस्या बैंक लोन न मिलने की समस्या भी नहीं आएगी.