अब कोई भी भारतीय जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu Kashmir) में जमीन या प्रॉपर्टी (Property) खरीद सकते हैं. क्‍योंकि केंद्र सरकार ने कई कानूनों में रिवीजन कर देशभर के लोगों के लिए जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने का रास्ता साफ कर दिया है. 

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1 साल पहले केंद्र ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370) और 35A को खत्‍म किया था. Home Ministry ने हिंदी और अंग्रेजी में जारी 111 पन्‍नों की अधिसूचना में भूमि कानूनों में कई बदलाव किए हैं.

इनके तहत खेत का इस्तेमाल सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के लिए करने की इजाजत दी गई है. जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव केंद्र के पास भूमि के निपटान से संबंधित संशोधन है. 

केंद्र ने कानून की धारा 17 के तहत ‘राज्य के स्थायी निवासी’ की शर्त को हटा दिया है. बीते साल अगस्त में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-A हटाने से पहले गैर-निवासी जम्मू-कश्मीर में अचल संपत्तियां नहीं खरीद सकते थे. 

ताजा बदलावों से बाहर के लोगों के लिए संघ शासित प्रदेश (Union territories) में जमीन खरीदने का रास्ता साफ हो गया है. जम्मू-कश्मीर के ले. गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि ये संशोधन एग्री लैंड का ट्रांसफर नॉन एग्री काम वालों को करने की इजाजत नहीं देते हैं.

हालांकि, कानून में कई रियायतें दी गई हैं, जिनके तहत एग्री लैंड को नॉन एग्री काम के लिए ट्रांसफर किया जा सकता है. इनमें एजुकेशन या हेल्‍थ सर्विस का विकास शामिल है. 

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व महाधिवक्ता इशाक कादरी ने कहा कि इन संशोधनों से जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों के लिए जमीन खरीदने का रास्ता साफ हो गया है. अब यहां बाहरी के लिए जमीन खरीदने को लेकर किसी तरह की कानूनी रोक नहीं है.

केंद्र के इस कदम का जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा के कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया है. इन दलों ने कहा है कि केंद्र का यह कदम पूर्ववर्ती राज्य को ‘बिक्री के लिए पेश’ करने जैसा है.