Rakesh Tikait on Farm Laws Repeal: आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, संसद में कानून रद्द होने का इंतजार करेंगे
Rakesh Tikait on Farm Laws Repeal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया है.
Rakesh Tikait on Farm Laws Repeal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि किसान आंदोलन तबतक जारी रहेगा, जब तक कानून संसद में रद्द नहीं हो जाता है. PM मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की.पीएम ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में इसकी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
पीएम के एलान के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, ''आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.''
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मनाया जश्न
तीनों कृषि बिलों को वापस लेने के बाद गाजीपुर बॉर्डर (ghazipur border) पर किसानों ने जश्न मनाया. उन्होंने 'किसान जिंदाबाद' के नारे लगाए. अलग-अलग किसान संगठनों से जुड़े किसान कृषि बिलों के खिलाफ एक संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने के साथ उनसे घर लौटने का आग्रह किया है.
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संसद के शीत सत्र में पूरी होगी प्रक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार 19 नवंबर को देश को संबोधित करते हुए कहा, ''आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.''
पीएम मोदी ने कहा कि इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से शुद्ध किसानों के हित की बात हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया. हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी.