Rahul Gandhi defamation case: मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसद सदस्यता को रद्द कर दी गई है. रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951’ की धारा 8 के तहत राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हुई. राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं. बता दें कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ (Modi Surname) संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को 2 साल कारावास की सजा सुनाई. 

क्या है मामला?

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बता दें कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोल्लार में लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान एक विवादित बयान दिया था. इसमें उन्होंने कहा था, सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है. इसको लेकर गुजरात के सूरत में उनके खिलाफ बीजेपी विधायक ने शिकायत दर्ज कराई थी. सूरत की अदालत ने गुरुवार को राहुल गांधी को इस मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई थी.

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इस कानून के तहत रद्द हुई संसद सदस्यता

‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951’ की धारा 8 के सब सेक्शन 3 के तहत अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे 2 साल या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद या विधानसभा सदस्यता खत्म हो जाएगी. वह रिहाई के 6 साल बाद तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा.

‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट’ की धारा 8  के सब सेक्शन 4 के मुताबिक दोषी सांसद या विधायक की सदस्यता तुरंत खत्म नहीं होती. उसके पास 3 महीने का समय होता है. इस दौरान अगर वह हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर देता है तो उस अपील की सुनवाई पूरी होने तक सदस्यता नहीं जाती. अगर वह अपील नहीं करता है तो तीन महीने बाद उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है. लेकिन साल 2013 के लिली थॉमस बनाम केन्द्र सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट  ने इस सब सेक्शन 4 को  ही रद्द कर दिया , इसका मतलब ये हुआ कि फैसला आने के समय ही सांसद या विधायक अयोग्य करार हो जाएगा , संबंधित सचिवालय (लोकसभा/ विधानसभा) अधिकारिक सूचना मिलने पर उस सीट को रिक्त घोषित कर देंगे.

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