पांच राफेल विमानों का पहला जत्था आज फ्रांस से अंबाला वायुसेना अड्डा पहुंच रहा है. राफेल के लिए अंबाला एयरफोर्स पूरी तरह से तैयार है. इन लड़ाकू विमानों के लिए एयरबेस समेत पूरे अंबाला में विशेष इंतजाम किए गए हैं. एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) खुद इन विमानों को रिसीव करने के लिए अंबाला पहुंच गए हैं. 

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दुनिया के अति आधुनिक लड़ाकू विमानों (Rafale fighter jets) की लैंडिंग को लेकर पूरे अंबाला में अलर्ट जारी कर दिया गया है. 

अंबाला कैंट (Ambala Cantt) को नॉन ड्रोन एरिया (no-drone area) घोषित कर दिया गया है. इस इलाके में किसी भी तरह की फोटोग्राफी पर रोक लगा दी गई है. अंबाला कैंट के डीसीपी राम कुमार ने बताया कि घरों की छतों से भी फोटोग्राफी करने पर रोक लगाई गई है. इलाके में अगर कोई फोटोग्राफी करता हुआ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

अंबाला के डीएसपी (ट्रैफिक) मुनीश सहगल ने बताया कि विमानों की लैंडिंग के दौरान लोगों के छतों पर इकट्ठा होने और फोटोग्राफी करने पर रोक लगाई हुई है. उन्होंने बताया कि अंबाला एयरबेस (Ambala airbase) के आसपास के 4 गांवों में धारा-144 लगा दी गई है. 

ये विमान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अल दाफरा हवाईअड्डे से सुबह 11 बजे भारत के लिए उड़ान भरेंगे और दोपहर बाद 2 बजे अंबाला कैंट स्थित वायु सेना के एयरबेस पहुंचेंगे. करीब 7,000 किलोमीटर की उड़ान के बाद ये विमान अंबाला पहुंच रहे हैं. 

 

27 जुलाई, सोमवार को फ्रांस के मेरिनेक एयरबेस से भारत के लिए उड़ान भरने वाले राफेल विमानों ने लगातार 7 घंटे की उड़ान के बाद संयुक्त अरब अमीरात के अल दफरा हवाई अड्डे पर लैंडिंग की थी.

जोधपुर एयरबेस भी तैयार

जानकारी के मुताबिक, वायु सेना ने राफेल की लैंडिंग के लिए जोधपुर एयरबेस को भी स्टैंडबाई के रूप में रखा है. विमानों की लैंडिंग के दौरान अगर अंबाला का मौसम खराब रहा तो, इन विमानों की लैंडिंग जोधपुर में कराई जाएगी.

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एयर मार्शल करेंगे रिसीव

एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया अंबाला पहुंच गए हैं और वे खुद इन विमानों को रिसीव करेंगे. गोल्डन एरो को देश में राफेल की पहली स्क्वाड्रन होने का गौरव मिला है. 

सबसे बड़ी डील 

बता दें कि फ्रांस के साथ हुआ राफेल विमान सौदा भारत की अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील है. 2016 में 60,000 करोड़ की यह डील हुई थी.