फ्रांस से खरीदे गए राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान आज भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में शामिल होंगे.  सुबह 10 बजे अंबाला एयरबेस (Ambala airbase) पर एक समारोह में इन विमानों को एयर फोर्स के 17वें स्क्वाड्रन "गोल्डन एरो" (Golden Arrows) में शामिल किया जाएगा.

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राफेल विमानों को 17वें स्क्वॉड्रन में शामिल करने से पहले उन्हें पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी जाएगी. अगले दो सालों में वायुसेना के दो स्क्वाड्रन में 36 राफेल विमान शामिल होंगे. 29 जुलाई को 5 विमानों पहली खेप भारत पहुंची थी.

इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली,  चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस)  जनरल बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार शिरकत करेंगे. 

 

बता दें कि राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale fighter jets) का निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने किया है. भारत ने फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया है. 36 राफेल जो भारत को मिलेंगे उसमें से 30 फाइटर जेट हैं और 6 ट्रेनर जेट हैं. फिलहाल भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है. इनमें 5 विमान अभी फ्रांस में ही हैं. इन पर इंडियन एयरफोर्स के पायलट ट्रेनिंग ले रहे हैं.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

अंबाला कैंट (Ambala Cantt) को नॉन ड्रोन एरिया (no-drone area) घोषित कर दिया गया है. यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

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ये हैं खूबियां

राफेल विमान अपने साथ कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम हैं. राफेल विमान हवा से हवा में मार करने वाली मीटोर मिसाइल से लैस होगा जिसकी मारक क्षमता 150 किलोमीटर है. चीन और पाकिस्तान के पास यह क्षमता नहीं है. राफेल विमानों के आने के बाद वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं में और इजाफा होगा.