देश भर में किसानों की आय घटने की खबरों के बीच एक और खबर बेचैनी बढ़ाने वाली है. नेशनल बल्क हैंडलिंग कॉरपोरेशन (NBHC) के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक रबी की फसल के दौरान खाद्यान्न का उत्पादन करीब 10 प्रतिशत घट सकता है. इसके अलावा चने की पैदावार पर भी मार पड़ी है और इसके पैदावार भी 9.92 प्रतिशत घटने का अनुमान है. एनबीएचसी ने बताया है कि अध्ययन के अनुसार 2018-19 के दौरान कुल रबी खाद्यान्न उत्पादन 9.91 प्रतिशत घटकर 11.54 करोड़ मीट्रिक टन रहने का अनुमान है. इस दौरान गेहूं का रकबा करीब 2.54 प्रतिशत घटा है और उसकी पैदावार में 4.99 प्रतिशत कमी आने की आशंका है.

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एनबीएचसी की रिलीज में बताया गया है कि अक्टूबर और दिसंबर के दौरान पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से कम रहा है. पोस्ट मानसून सेसन के दौरान बारिश 44 प्रतिशत कम हुई है. इसके चलते पैदावार में कमी आने की आशंका जताई गई है. पैदावार कम होने का असर मुद्रास्फीति पर दिख सकता है और खाने-पीने की चीजों में तेजी आ सकती है.

एनबीएचसी के मुताबिक रबी के दौरान चावल का रकबा 14.17 प्रतिशत घटा है और इसकी पैदावार में 28.91 प्रतिशत कमी आने का अनुमान है. पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में चावल की पैदावार पर असर पड़ने की आशंका है. इसके अलावा ज्वार, मक्का और जौ के उत्पादन में भी गिरावट आने की आशंका जताई गई है.