पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गिरते भूजल की जांच के लिए फसल विविधीकरण (अलग-अलग तरह की फसलें) के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए राज्य योजना बोर्ड को बड़े पैमाने पर फसल विविधीकरण मॉडल तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान उन्होंने कम पानी की खपत वाली फसलों को तवज्जो देने की जरूरत पर बल दिया. बोर्ड को कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा करने के लिए भी निर्देशित किया गया है.

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मुख्यमंत्री खेत नमूनों (पैटर्न) में बदलावों पर सुझाव देने के लिए बनाए गए बोर्ड के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह राज्य में तमाम कृषि योजनाओं के आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए एक केंद्रीकृत डेटा विश्लेषण (Centralized data analysis) और देखरेख डिपार्टमेंट तैयार किया जाए.

उन्होंने कहा कि यह सभी कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी और परियोजना की समीक्षा के साथ-साथ क्वालिटी नीति और फैसले लेने में मदद करेगा. तेजी से घटते जल स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कम पानी की खपत वाली फसलों पर जोर देना चाहिए. 

मुख्यमंत्री ने किसानों के बीच फसल से जुड़ी हर तरह की जानकारी के साथ ही कीटनाशकों के बारे में गाइड करने के लिए ब्यूरो ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज के कामकाज की समीक्षा करने के लिए भी कहा. 

 

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प्लानिंग बोर्ड के वाइस-चेयरमैन राजिंदर गुप्ता ने उत्पादन के मानकीकरण पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया, ताकि इसे वैश्विक बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके.

इसके साथ ही किसान आयोग के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने ताजी सब्जियों के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए मार्कफेड और पंजाब एग्रो को अधिक अधिकार देने की आवश्यकता पर जोर दिया.