प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 अक्टूबर को ग्रैंड चैलेंजेज़ एनुअल मीटिंग 2020 कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे. इस मीटिंग में दुनिया भर के वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और नेता कोरोना महामारी से निटपने के तरीकों और कोरोना के बाद के हालात के बेहतर प्रबंधन पर चर्चा करेंगे.

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पिछले 15 सालों में ग्रैंड चैलेंजेज़ एनुअल मीटिंग के जरिए स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्र में आने वाले समय की बड़ी से बड़ी चुनौतियां का सामना करने के लिए नीतियां बनाने का काम किया गया है. ग्रैंड चैलेंजेज़ एनुअल मीटिंग 2020 का आयोजन वर्चुअल तरीके से 19 से 21 अक्टूबर के बीच किया जाएगा.

ग्रैंड चैलेंजेज़ एनुअल मीटिंग का उद्देश्य दुनिया भर के वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर एक साथ लाना है ताकि उभरती स्वास्थ्य चुनौतियां का समाधान पाने के लिए वैज्ञानिक साझेदारी को और बढ़ाया जा सके. इस साल इस मीटिंग में कोरोना महामारियों की चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान पर चर्चा की जाएगी. बैठक में खास जोर ‘इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ के साथ कोविड-19 पर रहेगा.

इस कार्यक्रम के माध्यम से दुनिया के नेताओं के साथ-साथ जाने-माने वैज्ञानिक और शोधकर्ता महामारी के बाद टिकाऊ विकास लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए मुख्य प्राथमिकताएं और कोविड-19 के प्रबंधन में उभर रही चुनौतियों का सामना करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे.

तीन दिवसीय कार्यक्रम में नेताओं की वार्ता, पैनल चर्चा और अगल अगर विषयों पर अनौपचारिक विचार-विमर्श होगा. बैठक में दुनिया भर में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की जाएगी. इस वार्षिक बैठक में लगभग 40 देशों के 1600 पार्टिसिपेंट हिस्सा लेंगे.

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ग्रैंड चैलेंजेज़ एनुअल मीटिंग 2020 को बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, भारत सरकार के विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय के जैव तकनीकी विभाग, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और नीति आयोग के साथ-साथ ग्रैंड चैलेंजज कनाडा और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है. ग्रैंड चैलेंजेज़ इंडिया की स्थापना भारत सरकार के जैव-तकनीकी विभाग और बिल एवं मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की साझेदार से 2012 में किया गया था.