दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा और भारत का गौरव 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' (Statue of Unity) जल्द ही भारतीय रेलवे (Indian Railways) के नक्शे से जुड़ जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को केवड़िया रेलवे स्टेशन की आधारशिला रखी. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन यहां आ रहे हैं, लेकिन उम्मीद है कि इसके नजदीक रेलवे स्टेशन की स्थापना से यात्रियों को बहुत सुविधा हो जाएगी. खासतौर से दूर से आने वाले मध्यमवर्गीय यात्रियों के लिए ये मोदी सरकार और भारतीय रेलवे की तरफ से एक बहुत बड़ी सौगात होगी.

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कितनी होगी लागत?

इस रेलवे स्टेशन पर कुल 20 करोड़ रुपये की लागत आएगी और माना जा रहा है कि अगले साल सितंबर तक रेलवे स्टेशन का काम पूरा हो जाएगा. अभी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की देश के दूसरे हिस्सों से कनेक्टिविटी बहुत अच्छी नहीं है. ऐसे में रेलवे से संपर्क जुड़ने से यहां पर्यटन पर सकारात्मक असर होगा.

रेलवे स्टेशन का शिलान्यास करने के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा, 'केवड़िया रेलवे स्टेशन की इमारत इस रेलमार्ग की पहली ग्रीन बिल्डिंग होगी. आधुनिक सुविधाओं से सम्पन्न केवड़िया रेलवे स्टेशन पर जल प्रबंधन की प्रभावी पद्धतियों का उपयोग किया जाएगा. सोलर पैनल के जरिए 200 किलोवाट बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा.'

रेलवे कम करेगा दूरी!

उन्होंने आगे बताया, 'केवड़िया स्टेशन के बन जाने से इस क्षेत्र के विकास में गति आएगी. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आने वाले देश और विदेश के पर्यटकों की यात्रा कम समय में तथा आसानी से हो सकेगी.' इस समय स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नजदीकी रेलवे स्टेशन वडोदरा, भरूच और अंकलेश्वर हैं. ये सभी करीब 70-75 किलोमीटर दूर हैं. अब केवड़िया में आधुनिक रेलवे स्टेशन बनने से यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ जाएगी. मुख्य ब्रॉड गेज लाइन के साथ केवड़िया को जोड़ने के लिये रेलवे ने 18 किलोमीटर लंबे दभोई-चांदोद नैरो गेज को ब्रॉड गेज में तब्दील करने और चांदोद से केवड़िया तक 32 किलोमीटर लंबी नयी रेलवे लाइन के निर्माण कार्य को मंजूरी दी है.

इससे पहले राष्ट्रपति ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल के श्रद्धांजलि अर्पित की. कोविंद के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और राज्य के मुख्य सचिव जेएन सिंह भी मौजूद थे. अपनी यात्रा की शुरुआत उन्होंने 182 मीटर ऊंची प्रतिमा के पास विकसित 'फूलों की घाटी' की सैर से की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पटेल को समर्पित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अक्टूबर में अनावरण किया था.