Pollution Under Control Certificate: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा में धुंआ ही धुंआ देखने को मिला. दिवाली के बाद दिल्ली गैस चैंबर बन गई. लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और सीने में जलन होने लगी. हालांकि दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली की हवा को देखते हुए एक नया निर्देश जारी किया है. इस नए निर्देश के मुताबिक, बाइक चला रहे हों या कार, आपको अपने साथ पीयूसी सर्टिफिकेट (Pollution Under Control Certificate) लेकर चलना जरूरी है. 

बिना सर्टिफिकेट के भरना होगा जुर्माना

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दिल्ली परिवहन विभाग के नए निर्देश के मुताबिक, ये सर्टिफिकेट वैध होना चाहिए. इस सर्टिफिकेट में गाड़ी की ताजा अपडेट जरूर होनी चाहिए कि गाड़ी से प्रदूषण नहीं फैलता है. अगर कोई भी चालक बिना पीयूसी सर्टिफिकेट या पुराने सर्टिफिकेट के पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ जुर्माने के साथ आर्थिक दंड का भी प्रावधान है. 

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गाड़ियों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी अलग-अलग गैसों के लिए समय-समय पर टेस्ट किया जाता है. परिवहन विभाग की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि सभी पंजीकृत वाहन मालिकों से अनुरोध है कि वे परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों से अपने वाहनों की जांच करवाएं ताकि किसी भी तरह के दंड से बचा जा सकें. 

कितने रुपए में बनता है सर्टिफिकेट

बता दें कि अलग-अलग गाड़ियों के लिए अलग-अलग चार्ज लिया जाता है. पेट्रोल और CNG की दोपहिया और तिपहिया गाड़ियों के लिए प्रदूषण जांच का शुल्क 60 रुपए तय किया गया है. अगर 4 पहियों के वाहन का सर्टिफिकेट बनवाना है तो 80 रुपए खर्च करने होंगे. इसके अलावा डीजल गाड़ियों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र का शुल्क 100 रुपए है.