प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुरुवार को अपने होम स्टेट गुजरात का दौरा करने वाले हैं. इस दौरान पीएम मोदी काकरापार में बने भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम की दो यूनिट की शुरूआत करने वाले हैं. सूरत जिले की मांडवी तहसील में अया काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (Aya Kakrapar Atomic Power Station) पर 700-700 मेगावाट के दो स्वदेश निर्मित पावर प्लांट देश को समर्पित किए जाएंगे. यूनिट 3 और 4 के साथ, काकरापारा परमाणु ऊर्जा स्टेशन की क्षमता 1800 मेगावाट होगी. प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टर (PHWR) सिस्टम की दो यूनिट भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं.

KAPP-3 700 मेगावाट 30 अगस्त, 2023 से है चालू

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यूनिट-3 - काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना (KAPP-3 700 मेगावाट) - 30 अगस्त 2023 से चालू है. यह यूनिट कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों से गुजर रहे 16 स्वदेशी 700 मेगावाट पीएचडब्ल्यूआर की श्रृंखला में पहली इकाई है. इसकी जुड़वां इकाई KAPP-4 जल्द ही ग्रिड से जुड़ जाएगी और बिजली पैदा करना शुरू कर देगी.

भारतीय वैज्ञानिकों ने किया है तैयार

दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानी जाने वाली एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स वाली यह पहली दबावयुक्त भारी पानी रिएक्टर (PHWR) यूनिट भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा डिजाइन की गई है. भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित रिएक्टरों का डिज़ाइन, निर्माण और संचालन, साथ ही भारतीय उद्योगों से संसाधनों की आपूर्ति और कार्यान्वयन, 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को साकार करने का एक प्रमुख उदाहरण है.

NPCIL वर्तमान में 7480 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 23 रिएक्टर संचालित करता है. इसके अतिरिक्त, स्वदेशी 700 मेगावाट पीएचडब्ल्यूआर प्रौद्योगिकी के 15 रिएक्टर कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं.

2031-32 तक तैयार हो जाएंगे चार लाइट वॉटर रिएक्टर 

रूसी सहयोग से कुडनकुलम में 1000 मेगावाट क्षमता के चार लाइट वॉटर रिएक्टर (LWR) भी निर्माणाधीन हैं, जिनके वर्ष 2031-32 तक धीरे-धीरे पूरा होने की उम्मीद है. ये रिएक्टर मौजूदा स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता को 7480 मेगावाट से बढ़ाकर 22480 मेगावाट कर देंगे.

परमाणु ऊर्जा संयंत्रों ने अब तक लगभग 870 बिलियन यूनिट स्वच्छ बिजली का उत्पादन किया है, जिससे देश में लगभग 748 मिलियन टन कार्बन-डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन कम हुआ है. 2070 तक नेट ज़ीरो के लक्ष्य को हासिल करने में परमाणु ऊर्जा अहम भूमिका निभाएगी.

हर साल 10.4 बिलियन यूनिट क्लीन पावर बनेगी

KAPP-3 और 4 पूरा होने पर (85 प्रतिशत के पीएलएफ पर) प्रति वर्ष लगभग 10.4 बिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करेंगे. 2021 में ग्लासगो में आयोजित COP26 में, भारत ने एक महत्वाकांक्षी पांच-भाग वाली "पंचामृत" प्रतिज्ञा के लिए प्रतिबद्धता जताई. इनमें 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म बिजली क्षमता तक पहुंचना, सभी ऊर्जा आवश्यकताओं का आधा नवीकरणीय ऊर्जा से पैदा करना, 2030 तक उत्सर्जन में 1 बिलियन टन की कमी करना शामिल है.

समग्र रूप से भारत का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करना है अंततः, भारत 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए प्रतिबद्ध है.