प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लोगों से आज 25 अक्टूबर को 'मन की बात' कर रहे है. उन्होंने कहा की हर साल दशहरे पर देश भर में मेले लगा करते थे, नवरात्रि में गरबे की भी धूम रहती थी. लेकिन इस बार माहौल कुछ अलग है. पीएम ने लोगों से त्योहारों पर कोरोना महामारी से बचाव के उपायों को जरूर याद रखें. पीएम ने कहा कि त्योहारों के लिए बाजार में जब खरीदारी करने जाएं तो लोकल फॉर वोकल का मंत्र याद रखें. पीएम ने सभी देशवासियों को विजयादशमी की ढेर सारी शुभकामनाएं दी. पीएम ने कहा कि अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत का यह महापर्व हर किसी के जीवन में नई प्रेरणा लेकर आए.

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पीएम ने कहा कि इस महीने की 31 तारीख़ को मुझे केवड़िया में ऐतिहासिक Statue of Unity पर हो रहे कई कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिलेगा. आप लोग भी जरुर जुड़ियेगा. इस सन्दर्भ में, मैं, आप सबसे, एक website देखने का आग्रह करता हूँ - http://ekbharat.gov.in (एक भारत डॉट गव डॉट इन). इसमें, national integration की हमारी मुहिम को आगे बढ़ाने के कई प्रयास दिखाई देंगे. "आप, इस website के लिए contribute भी करें, जैसे, हर राज्य और संस्कृति में अलग-अलग खान-पान होता है.

 

 

यह व्यंजन स्थानीय स्तर के ख़ास ingredients, यानी, अनाज और मसालों से बनाए जाते हैं. पीएम ने कहा "क्या हम इन local food की recipe को local ingredients के नामों के साथ, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ website पर share कर सकते हैं? Unity और Immunity को बढ़ाने के लिए इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है.

"हमें निरंतर अपनी creativity से, प्रेम से, हर पल प्रयासपूर्वक अपने छोटे से छोटे कामों में, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के खूबसूरत रंगों को सामने लाना है,एकता के नए रंग भरने हैं, और, हर नागरिक को भरने हैं.

"तीर्थाटन अपने आप में भारत को एक सूत्र में पिरोता है. ज्योर्तिलिंगो और शक्तिपीठों की श्रृंखला भारत को एक सूत्र में बांधती है. त्रिपुरा से ले कर गुजरात तक, जम्मू-कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक स्थापित, हमारे, आस्था के केंद्र, हमें ‘एक’ करते हैं.

"भक्ति आन्दोलन पूरे भारत में एक बड़ा जन-आन्दोलन बन गया, जिसने, हमें, भक्ति के माध्यम से एकजुट किया. हमारे नित्य जीवन में भी ये बातें कैसे घुल गयी हैं, जिसमें एकता की ताकत है.

 

 

"अब देखिये, केरल में जन्मे पूज्य आदि शंकराचार्य जी ने, भारत की चारों दिशाओं में चार महत्वपूर्ण मठों की स्थापना की- उत्तर में बद्रिकाश्रम, पूर्व में पूरी, दक्षिण में श्रृंगेरी और पश्चिम में द्वारका. उन्होंने श्रीनगर की यात्रा भी की, यही कारण है कि, वहाँ, एक ‘Shankracharya Hill’ है. 

 

"साथियो, आज हमें अपनी वाणी, अपने व्यवहार, अपने कर्म से हर पल उन सब चीजों को आगे बढ़ाना है जो हमें ‘एक’ करे, जो देश के एक भाग में रहने वाले नागरिक के मन में, दूसरे कोने में रहने वाले नागरिक के लिए सहजता और अपनत्व का भाव पैदा कर सके.

कार्यक्रम के दौरान पीएम ने कहा कि कुछ ही दिनों बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जन्म जयंती, 31 अक्टूबर को हम सब, ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाएंगे. ‘मन की बात’ में, पहले भी हमने, सरदार पटेल पर विस्तार से बात की है. बहुत कम लोग मिलेंगे जिनके व्यक्तित्व में एक साथ कई सारे तत्व मौजूद हों - वैचारिक गहराई, नैतिक साहस, राजनैतिक विलक्षणता, कृषि क्षेत्र का गहरा ज्ञान और राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पण भाव.

"जरा उस लौह-पुरुष की छवि की कल्पना कीजिये जो राजे-रजवाड़ों से बात कर रहे थे, पूज्य बापू के जन-आंदोलन का प्रबंधन कर रहे थे, साथ ही, अंग्रेजों से लड़ाई  भी लड़ रहे थे, और इन सब के बीच भी, उनका sense of humour पूरे रंग में होता था." "इसमें, हमारे लिए भी एक सीख है, परिस्थितियाँ कितनी भी विषम क्योँ न हो, अपने sense of humour को जिंदा रखिये, यह हमें सहज तो रखेगा ही, हम अपनी समस्या का समाधान भी निकाल पायेंगे .सरदार साहब ने यही तो किया था. उन्होंने, राजे-रजवाड़ो को हमारे राष्ट्र के साथ एक करने का काम किया. वे विविधिता में एकता के मंत्र को हर भारतीय के मन में जगा रहे थे. उन्होंने, भारतीय जनमानस को, स्वतंत्रता आन्दोलन से जोड़ा. उन्होंने, आजादी के साथ किसानों के मुद्दों को जोड़ने का काम किया.

 

"आज, ‘मन की बात’ में, मैं आपका परिचय एक ऐसे व्यक्ति से कराऊँगा जिसमें एक अनोखा जुनून है. ये जुनून है दूसरों के साथ reading और learning की खुशियों को बाँटने का. ये हैं पोन मरियप्पन, पोन मरियप्पन तमिलनाडु के तुतुकुड़ी में रहते है. ""तुतुकुड़ी को pearl city यानि मोतियों के शहर के रूप में भी जाना जाता है. यह कभी पांडियन साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र था. "यहाँ रहने वाले मेरे दोस्त पोन मरियप्पन, hair cutting  के पेशे से जुड़े हैं और एक saloon चलाते हैं. बहुत छोटा सा saloon है. उन्होंने एक अनोखा और प्रेरणादायी काम किया है. अपने saloon के एक हिस्से को ही पुस्तकालय बना दिया है. "यदि व्यक्ति saloon में अपनी बारी का इंतज़ार करने के दौरान वहाँ कुछ पढ़ता है, और जो पढ़ा है उसके बारे में थोड़ा लिखता है, तो पोन मरियप्पन जी उस ग्राहक को discount देते हैं.

 

 

" हमारे local products की खूबी है कि उनके साथ अक्सर एक पूरा दर्शन जुड़ा होता है. हमारे देश मे कितनी ही Martial Arts हैं।मैं चाहूँगा कि हमारे युवा-साथी इनके बारे में भी जाने, इन्हें सीखें , और, समय के हिसाब से innovate भी करे. "भारत में तो प्रचीन काल से कई ऐसे खेल रहे हैं, जो हमारे भीतर, एक असाधारण विकास करते हैं. हमारे Mind, Body Balance को एक नए आयाम पर ले जाते हैं.

 

 

"मेरे प्यारे देशवासियो, जब हमें अपनी चीजों पर गर्व होता है, तो दुनिया में भी उनके प्रति जिज्ञासा बढती है. जैसे हमारे आध्यात्म ने, योग ने, आयुर्वेद ने, पूरी दुनिया को आकर्षित किया है. हमारे कई खेल भी दुनिया को आकर्षित कर रहे हैं. "आजकल, हमारा मलखम्ब भी, अनेकों देशों में प्रचलित हो रहा है. अमेरिका में चिन्मय पाटणकर और प्रज्ञा पाटणकर ने जब अपने घर से ही मलखम्ब सिखाना शुरू किया था, तो, उन्हें भी अंदाजा नहीं था, कि इसे इतनी सफलता मिलेगी. "अब तो, इसकी, World Championship शुरू की गई है, जिसमें, कई देशों के प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं."

"साथियो, दिल्ली के Connaught Place के खादी स्टोर में इस बार गाँधी जयंती पर एक ही दिन में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी हुई। इसी तरह कोरोना के समय में खादी के मास्क भी बहुत popular हो रहे हैं.

पीएम ने बाराबंकी की महिला सुमन देवी की चर्चा करते हुए कहा कि सुमन जी ने self help group की अपनी साथी महिलाओं के साथ मिलकर खादी मास्क बनाना शुरू किया. धीरे-धीरे उनके साथ अन्य महिलाएँ भी जुड़ती चली गई, अब वे सभी मिलकर हजारों खादी मास्क बना रही हैं.

"लम्बे समय तक खादी, सादगी की पहचान रही है, लेकिन, हमारी खादी आज, Eco- friendly fabric के रूप में जानी जा रही है. स्वास्थ्य की दृष्टि से ये body friendly fabric है, all weather fabric है और आज खादी fashion statement तो बन ही रही है. खादी की popularity तो बढ़ ही रही है, साथ ही, दुनिया में कई जगह, खादी बनाई भी जा रही है.

 

पीएम ने कहा कि "मेक्सिको में एक जगह है ‘ओहाका(Oaxaca)’. इस इलाके में कई गाँव ऐसे है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है. आज, यहाँ की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है. ओहाका में खादी के पहुंचने की बात भी रोचक है.

मैक्सिको के एक युवा मार्क ब्राउन ने महात्मा गांधी पर एक फिल्म देखी. वे इस फिल्म से इतने प्रभावित हुए कि वो बापू के आश्रम आए और यहां सबकुछ जाना और सीखा. "उन्होंने, मेक्सिको के ओहाका में ग्रामीणों को खादी का काम सिखाया, उन्हें प्रशिक्षित किया और आज ‘ओहाका खादी’ एक ब्रांड बन गया है." शुरू में लोग खादी को लेकर संदेह में थे, परन्तु, आख़िरकार, इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ी और इसका बाज़ार तैयार हो गया."

 

 

पीएम ने कहा "हमें घर में एक दीया, भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है. मैं, अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूँ कि आप भले ही सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ हैं, आपके लिए कामना कर रहा है."

भारत सरकार ने 23 अक्टूबर तक इस कार्यकम के लिए लोगों से सुझाव मांगे थे. पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम के लिए टोल फ्री नम्बर या MyGov.in के जरिए अपने सुझाव भेजे जा सकते सकते हैं. आप अपना मैसेज रिकॉर्ड करके इस नम्बर पर 1800-11-7800 भेज सकते हैं.  

 

पिछले कार्यक्रम में कहीं ये बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 'मन की बात' (Mann Ki Baat) के पिछले कार्यक्रम में तमाम मुद्दों पर चर्चा करने के साथ किसानों (Farmers) के मुद्दों पर भी बात की. पीएम ने किसान बिल पर चर्चा करते हुए इसे किसानों की आय बढ़ाने के लिए बड़ा कदम बताया. उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है कि जो जितना जमीन से जुड़ा रहता है वह बड़े-बड़े से संकट में भी खड़ा रहता है. उन्होंने कहा कि कोरोना के इस कठिन समय में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमख़म दिखाया है. देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) का आधार हैं, ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी.