PM Modi के साथ इस राउंड टेबल मीटिंग में शामिल होंगे टाटा और अंबानी, इस मुद्दे पर होगी बात
मीटिंग में बड़े वैश्विक संस्थागत निवेशकों, देश के कारोबारी दिग्गजों तथा सरकार के पॉलिसी मेकर्स और वित्तीय बाजार नियामकों के बीच बातचीत होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुरुवार को निवेशकों की राउंड टेबल मीटिंग (Global Investor Round Table Meeting) की अध्यक्षता करेंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये होने वाली इस मीटिंग में दुनिया के प्रमुख निवेशकों और भारत के जाने-माने उद्योगपतियों और कारोबार प्रमुखों को सीनियर पॉलिसी मेकर्स से जुड़ने एवं देश में वैश्विक निवेश में आगे और तेजी लाने के उपायों पर चर्चा का मौका मिलेगा. पीटीआई की खबर के मुताबिक, मीटिंग में बड़े वैश्विक संस्थागत निवेशकों, देश के कारोबारी दिग्गजों तथा सरकार के पॉलिसी मेकर्स और वित्तीय बाजार नियामकों के बीच बातचीत होगी.
आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा कि इस मीटिंग में रतन टाटा (Ratan Tata), मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani), नंदन नीलेकणि, दीपक पारेख, उदय कोटक और दिलीप सांघवी निवेश और अवसरों के बारे में भारतीय परिप्रेक्ष्य बताने के लिए राउंडटेबल में मौजूद प्रमुख भारतीय कारोबारी शख्सियत होंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के बयान के मुताबिक ‘ऑनलाइन वैश्विक निवेशक गोलमेज मीटिंग का आयोजन वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष (NIIF) कर रहा है.
(रॉयटर्स)
बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत अन्य मौजूद रहेंगे. बयान के मुताबिक राउंड टेबल मीटिंग में दुनिया के 20 सबसे बड़े पेंशन और सरकारी संपित्त कोष शामिल होंगे.
इनके पास एसेट अंडर मैनेजमेंट्स करीब 6,000 अरब डॉलर है. ये वैश्विक संस्थागत निवेशक अमेरिका, यूरोप, कनाडा, कोरिया, जापान, पश्चिम एशिया, आस्ट्रेलिया और सिंगापुर समेत प्रमुख क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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मीटिंग में इन फंड्स में फैसले लेने वाले शीर्ष अधिकारी यानी सीईओ (CEO) और सीआईओ (CIO) शामिल होंगे. बयान में कहा गया है कि इन निवेशकों में कुछ ऐसे हैं जो पहली बार भारत सरकार के साथ जुड़ेंगे. वैश्विक निवेशकों के अलावा राउंड टेबल मीटिंग में देश के जाने-माने उद्योगपति और कारोबारी प्रमुख भी शामिल होंगे. मीटिंग में भारत के आर्थिक और निवेश परिदृश्य, संरचनात्मक सुधारों तथ सरकार का 5,000 अरब डॉलर की इकोनॉमी बनाने के रास्ते के विजन पर चर्चा होगी.