देश का संसद भवन आज मंगलवार, 19 सितंबर को आखिरकार संसद परिसर के नए संसद भवन में शिफ्ट हो गया है. अब आज से देश के सांसद नई बिल्डिंग में ही बैठेंगे. लेकिन सबके मन में ये सवाल घूम रहा था कि पुराने संसद भवन का क्या होगा? इसपर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से स्पष्टता आ गई है. पीएम मोदी ने पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल के आखिरी ऐसे कार्यक्रम में ये ऐलान किया कि अब पुरानी संसद को "संविधान संसद" के तौर पर जाना जाएगा.

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उन्होंने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हम पुरानी संसद को न भूलें, उसकी गरिमा को बनाए रखें. इस दिशा को सुनिश्चित करते हुए अब इस भवन को संविधान संसद के तौर पर जाना जाएगा.

नई संसद में शिफ्ट होने की तैयारी के साथ ही ऐसी खबरें आ रही थीं कि भारत सरकार अब पुराने संसद को संग्रहालय के तौर पर विकसित करेगी. और जैसाकि हमारे संसद का इतिहास रहा है, जहां देश का संविधान तैयार हुआ है, इसे एक म्यूजियम के तौर पर विकसित करना उपयुक्त विचार लगता है.

नई संसद पर अधिसूचना जारी

आज संसद के कार्यक्रम के पहले लोकसभा सचिवालय की ओर से नई संसद को औपचारिक तौर पर भारत का संसद घोषित करने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी गई. इसमें कहा गया कि "लोक सभा अध्यक्ष, संसद भवन परिसर में प्लॉट संख्या 118, नई दिल्ली में वर्तमान संसद भवन के पूरब में अवस्थित संसद का नया भवन, जिसके दक्षिण में रायसीना रोड और उत्तर में रेड क्रॉस रोड है, को आज से ‘भारत का संसद भवन’ के रूप में अधिसूचित करते हैं."

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