PM-KISAN Samman Nidhi: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद को बताया कि 2019 में लॉन्च होने के बाद से सरकार की योजना PM-KISAN के फेल हुए लेनदेन के बाद फिर से भेजे जाने के लिए लगभग 374.78 करोड़ रुपये पेंडिंग पड़े हैं. तोमर ने यह भी बताया कि सरकार PM-KISAN योजना के लिए आए हर डेटा को सत्यापित करने के बाद ही लाभार्थियों को वित्तीय लाभ देती है.

PM-KISAN में फेल हुए इतने ट्रांजैक्शन

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) में पात्र मार्जिनल किसानों को तीन समान किश्तों में सालाना 6000 रुपये दिए जाते हैं. इस योजना ने फरवरी 2019 में शुरू होने के बाद में 2019-20 के वित्तीय वर्ष के दौरान फेल हुए करीब 14.22 लाख पेंडिंग ट्रांजैक्शन थे.

हालांकि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान फेल हुए पेंडिंग ट्रांजैक्शन की संख्या घटकर 8.19 लाख हो गई. लेकिन चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 30 नवंबर तक फेल हुए पेंडिंग ट्रांजैक्शन की संख्या 9.11 लाख थी.

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आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान फेस ट्रांजैक्शन के लिए पेंडिंग अमाउंट 182.78 करोजड रुपये था, वित्तीय वर्ष 2020-21 में यह 163.99 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह 30 नवंबर तक 28.47 करोड़ रुपये था.

इस हिसाब से PM-KISAN योजना के तहत 2019-20 से इस साल 20 नवंबर तक रिप्रोसेसिंग के लिए पेंडिंग कुल अमाउंट 374.78 करोड़ रुपये है. 

एक फीसदी से कम हैं फेल हुए ट्रांजैक्शन

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक लिखित उत्तर में राज्य सभा को बताया कि PM-KISAN योजना के शुरू होने के बाद से अब तक फेल हुए ट्रांजैक्शन एक फीसदी से भी कम रहा है. PM-KISAN योजना के तहत ट्रांजैक्शन की कुल संख्या 80,27,44,674 है, जिसमें से असफल हुए लेनदेन की संख्या एक फीसदी से भी कम है.

तोमर ने कहा कि फरवरी 2019 से इस साल 30 नवंबर तक PM-KISAN के असफल हुए लेनदेन की कुल संख्या 69,02,227 है. जिसमें से 32,02,408 को फिर से प्रोसेस कर दिया गया है.

इन वजहों से फेस होते हैं ट्रांजैक्शन

कृषि मंत्री ने बताया कि विभिन्न कारणों से PM-KISAN योजना के तहत किया जाने वाला ट्रांजैक्शन कैंसिल हो जाता है, जैसे अकांउट बंद कर दिया गया या कहीं और ट्रांसफर कर दिया गया, गलत IFSC कोड, निष्क्रिय अकाउंट आदि वे प्रमुख कारण हैं.

राज्यों के साथ संपर्क में है सरकार

तोमर ने कहा कि फेल हो रहे ट्रांजैक्शन की समस्या को ठीक करने और ऐसे रजिस्टर्ड किसान परिवारों को फिर से अमाउंट भेजने के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर बनाई गई है और सभी राज्यों को उनकी ओर से आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है.

तोमर ने यह भी कहा कि उनका मंत्रालय साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मुद्दे के समाधान में तेजी लाने के लिए राज्य सरकारों के साथ मामला उठा रहा है. कृषि मंत्री ने कहा कि योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान करना और उनके सही और वेरिफाइड डेटा को PN-KISAN पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.

उन्होंने बताया कि PM-KISAN वेब पोर्टल पर आने वाला डेटा Aadhaar और आयकर डेटाबेस सहित वेरिफिकेशन के कई स्तरों से गुजरता है. इसके बाद वित्तीय लाभ एलिजिबल लाभार्थियों को दिया जाता है.