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9 साल पहले रोपे थे चंदन के एक हजार पौधे, अब होगी करोड़ों की कमाई

खेती की नई-नई तकनीक अपनाकर आज किसान (Farmers) कारोबारी बनने की राह पर हैं. केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) भी किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है. कई प्रगतिशील किसान तो अपनी मेहनत की बदौलत इबारत भी लिख रहे हैं. 
Updated on: August 09, 2020, 02.15 PM IST
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चंदन की खेती करने वाले अल्पेश पटेल

ऐसे ही एक किसान हैं अल्केश भाई पटेल (Alkesh Bhai Patel). गुजरात के अल्केश भाई पटेल चंदन (sandalwood) की खेती कर रहे हैं. और अब उनकी मेहनत का रिजल्ट आने वाला है. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो अगले 5 सालों में अल्केश खेती से ही करोड़ों रुपये की कमाई करेंगे. 

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गुजरात बना चंदन खेती का हब

अल्केश भाई पटेल ने चंदन की खेती की 2011 में भरूच जिले के हांसोट तालुका के कांटासायण गांव में की थी. 9 साल पहले लगाए चंदन के पौधे आज पेड़ बन गए हैं. अल्केश की 2 एकड़ जमीन में एक हजार से अधिक चंदन के पेड़ लहलाह रहे हैं. ये पेड़ 5 साल बाद बिक्री के लायक हो जाएंगे. और चंदन के इन पेड़ों को बेचकर अल्केश एक साधारण किसान से करोड़पति कारोबारी बन जाएंगे. 

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चंदन की खेती की शुरूआत

वर्ष 2003 में गुजरात की तत्कालीन नरेंद्र मोदी सरकार डांग जिले को छोड़कर समूचे राज्य को चंदन की खेती के लायक तैयार किया था. चंदन की खेती के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कानून भी लागू किया था. कानून के मुताबिक, राज्य का कोई भी किसान अपनी जमीन में चंदन की खेती कर सकता है. चंदन के एक पेड़ को बाजार में बेचने पर सरकार को रॉयल्टी के 20 रुपये प्रति पेड़ देनी होगी. 

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वैज्ञानिकों का सहयोग

अल्केश पटेल बताते हैं कि जब उन्होंने चंदन की खेती शुरू की थी, उस समय कई समस्याएं आई थीं. लेकिन कृषि वैज्ञानिकों की मदद से हर समस्या दूर होती गई. आज उनके खेत में 15-20 फीट ऊंचे चंदन के पेड़ लहलाह रहे हैं.

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सफेद चंदन से कमाई

अल्केश बताते हैं कि चंदन का एक पेड़ कई लाख रुपये में बिकेगा, इस हिसाब से एक हजार पेड़ों की बिक्री से करोड़ों रुपये की कमाई होगी. 

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साथ में और फसल भी

अल्केश बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि पिछले 9 सालों ने उन्होंने अपने खेत से कोई कमाई नहीं की. चंदन के पेड़ के साथ उन्होंने इसे पोषण देने वाली अन्य फसल भी लगाई जाती हैं. पहले पांच साल किसान चंदन के साथ और भी फसलें ले सकते हैं. लेकिन 5 साल बाद जब चंदन बढ़वार पर होता है तो अन्य फसलों को रोकना पड़ता है.   

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गुजरात में सफेद चंदन

वर्तमान में गुजरात में लगभग पांच हजार किसान चंदन की खेती कर रहे हैं. चंदन की खेती कर रहे इन किसानों ने अपनी एक यूनियन बनाई है और कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौते करने जा रहे हैं ताकि वे अपना चंदन सीधे कर्नाटक सरकार को बेच सकें. (रिपोर्ट- निर्मल त्रिवेदी)