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UN से लौटते पीएम मोदी साथ ला रहे हैं देश की 157 पुरातात्विक धरोहरें और कलाकृतियां

अमेरिका की ओर से राष्ट्रपति बाइडन ने इसे पीएम मोदी को देश से चोरी या गैर कानूनी तौर से लाई गई धरोहरों को वापस लौटाया है.
Updated on: September 25, 2021, 11.50 PM IST
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10वीं CE की कलाकृतियां

पीएम मोदी के साथ लौटाई गई 157 कलाकृतियों और पुरातत्वों की लिस्ट में 10वीं CE सदी के डेढ़ मीटर रिलीफ पैनल के सैंडस्टोन के रेवंता से लेकर 12वींCE सदी की 8.5CM उंची कांसे की नटराज मूर्ति शामिल है. इन वस्तुओं में अधिकांश 11वीं CE से 14वीं CE के साथ 2000BC कालखंड के तांबें की एंथ्रोपोमॉर्फिक वस्तुएं शामिल हैं. इनमें से करीब 45 वस्तुएं BCE से भी पहले के कालखंड की हैं. 

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कई धर्मों की प्रतिमाएं

इनमें आधी कलाकृतियां (71) सांस्कृतिक हैं, अन्य आधे में मूर्तियां हैं जो हिंदू धर्म (60), बौद्ध धर्म (16) और जैन धर्म (9) से संबंधित हैं. इन कलाकृतियों का निर्माण धातु, पत्थर और टेराकोटा तक में हुआ है. कांस्य संग्रहों में मुख्य रूप से लक्ष्मी नारायण, बुद्ध, विष्णु, शिव पार्वती और 24 जैन तीर्थंकरों की प्रसिद्ध मुद्राओं के अलावा दुर्लभ कंकलमूर्ति, ब्राह्मी और नंदीकेश के साथ कुछ और अनाम देवीदेवाताओं की प्रतिमाएं शामिल हैं. 

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ये भी हैं खास

रूपांकनों में हिंदू धर्म से धार्मिक मूर्तियां (तीन सिर वाले ब्रह्मा, रश्मिरथी, विष्णु और उनकी पत्नी, शिव की दक्षिणामूर्ति, नृत्य गणेश आदि), बौद्ध धर्म (स्थायी बुद्ध, बोधिसत्व मंजूश्री, तारा) और जैन धर्म (जैन तीर्थंकर, पद्मासन तीर्थंकर, जैन चौबीसी) शामिल हैं. इसके साथ-साथ धर्मनिरपेक्ष रूपांकनों में (समाभंगा में अनाकार युगल, चौरी वाहक, ढोल बजाती महिला आदि कलाकृतियां शामिल हैं.

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इतनी पुरानी कलाकृतियां

56 टेराकोटा के टुकड़े (फूलदान दूसरे CE के, हिरण की जोड़ी 12 वीं CE के, महिला 14 वीं CE) और 18 वीं CE की तलवार है जिसमें शिलालेख के साथ फारसी में गुरु हरगोविंद सिंह का उल्लेख है. यह मोदी सरकार द्वारा दुनिया भर से हमारी पुरावशेषों और कलाकृतियों को वापस लाने के प्रयासों को जारी रखता है.