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पान के पत्तों से तेल निकालने की IIT Kharagpur ने निकाली नई टेक्नोलॉजी, 16% ज्यादा निकलेगा ऑयल

आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) के शोधकर्ताओं ने पान के पत्तों से तेल को अलग करने के लिए एक नई टेक्नोलॉजी डेवलप की है, जिससे इस प्रक्रिया की कार्यक्षमता (working capacity) में सुधार हो सकता है. साथ ही अपशिष्ट में कमी आ सकती है. एक अधिकारी ने आज यह जानकारी दी. आईआईटी खड़गपुर के मुताबिक, भारत पान के पत्तों की खेती करने में दुनिया में पहले नंबर पर है और साल में करीब 9000 मिलियन रुपये मूल्य के पान के पत्ते की खेती करता है.
Updated on: April 10, 2021, 04.16 PM IST
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तेल की मात्रा में 16 प्रतिशत तक बढ़ सकती है

खबर के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि नई टेक्नोलॉजी वाले इस उपकरण से मौजूदा टेक्नोलॉजी की तुलना में 30 प्रतिशत ऊर्जा बचाई जा सकती है और पान के पत्तों के तेल की मात्रा में 16 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है.

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मौजदा टेक्नोलॉजी पर कही ये बात

आईआईटी खड़गपुर के एक प्रवक्ता ने कहा कि पान के पत्तों से तेल निकालने की मौजूदा प्रक्रिया कम आर्थिक व्यवहार्यता से जूझ रही है. साथ ही इसमें अपशिष्ट भी अधिक पैदा होता है.

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जानें किसने डेवलप की टेक्नोलॉजी

इस समस्या को हल करने के लिये प्रोफेसर प्रशांत गुहा और आईआईटी खड़गपुर के कृषि एवं खाद्य इंजीनियरिंग विभाग के अनुसंधानकर्ताओं के समूह ने यह तकनीक विकसित की है.

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उपकरण बनाने की कीमत

गुहा ने कहा, 'पान की पत्तियां उगाने वालों के लिये यह उपकरण किफायती है क्योंकि 10 लीटर यूनिट वाले डिवाइस को बनाने की कीमत 10 हजार जबकि 20 लीटर यूनिट वाले उपकरण की कीमत 20 हजार रुपये है.

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छोटे किसान भी आसानी से रख सकते हैं डिवाइस

इस उपकरण को छोटे किसान भी आसानी से अपने पास रख सकते हैं. इसका इस्तेमाल कर एक व्यक्ति प्रतिदिन तीन पालियों में करीब 10 से 20 मिली लीटर आवश्यक तेल निकाल सकते हैं. तेल की कीमत गुणवत्ता के आधार पर 30 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक हो सकती है.