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ढाई दशक बाद टिड्डी का सबसे बड़ा हमला, हो सकता है एक और अटैक, मच सकती है तबाही!

कोरोना वायरस (Covid-19 Pandemic) का आतंक लगातार पैर पसार रहा है. अभी इस वायरस की काट मिली भी नहीं है कि एक और मुसीबत दस्तक दे चुकी है. रेगिस्तानी टिड्डियों का दल कई देशों में कोहराम मचाता हुआ भारत में एंट्री कर गया है. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि 26 सालों बाद टिड्डियों का यह सबसे बड़ा हमला है. 
Updated on: May 28, 2020, 04.03 PM IST
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सहारा रेगिस्तान से आया दल

दक्षिण अफ्रिका के सहारा रेगिस्तान से चला टिड्डियों का यह दल गल्फ देशों से होता हुआ केन्या, सोमालिया, इथियोपिया, दक्षिण ईरान, अफिगानिस्तान और पाकिस्तान को पार करता हुआ भारत में घुस आया है. दुनिया के 23 देश टिड्डी के इस हमले की गिरफ्त में हैं.

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भारत के कई राज्य चपेट में

यह टिड्डी दल राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश के बाद अब हरियाणा होता हुआ दिल्ली की तरफ कूच कर रहा है. हालांकि केंद्र समेत तमाम राज्यों की सरकारें इस खतरे को लेकर अलर्ट पर हैं. और कई इलाकों में इस पर काबू भी पा लिया गया है. 

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कई जगहों पर कंट्रोल

कृषि मंत्रालय के अनुसार, 26 मई तक राजस्थान, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश में 303 जगहों पर 47308 हेक्टेयर इलाके में टिड्डी पर कंट्रोल कर लिया गया है. राजस्थान के 21 जिले, मध्य प्रदेश के 18 जिले, पंजाब का एक जिला और गुजरात के दो जिले इसकी चपेट में हैं.

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दिल्ली में भी एंट्री

दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी पेड़-पौधों पर टिड्डी दल अपना कहर बरपा सकता है.  

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लगातार बढ़ रहे हैं हमले

राजस्थान के जोधपुर स्थित टिड्डी नियंत्रण केंद्र के क्षेत्र अधिकारी पवन कुमार ने कहा कि इस साल मार्च में टिड्डियों के हमले कम थे, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे हमले बढ़ गए.

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राजस्थान पर ज्यादा असर

इस समय राजस्थान के बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर और जयपुर जिले में और मध्य प्रदेश के सतना, ग्वालियर, सीधी, राजगढ़, बैतूल, देवास, आगर मालवा जिले में टिड्डियां सक्रिय हैं. पाकिस्तान के रास्ते देश की सीमा में प्रवेश करने वाले पौधों के इस दुश्मन का सबसे बड़ा शिकार राजस्थान है.

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केंद्र ने जारी किया फंड

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने टिड्डी नियंत्रण को लेकर कीटनाशक दवाओं सहित अन्य आवश्यक संसाधनों की खरीद के लिए राजस्थान सरकार को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना फंड से 14 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित कर दी है. कई राज्यों ड्रोन, हवाई जहाज से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है. 

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1 दिन में 150 किलोमीटर का सफर

इस समय जिन टिड्डी का हमला देश पर हुआ है वह रेगिस्तानी टिड्डी कहलाती है. वैज्ञानिक बताते हैं कि टिड्डी दल दिनभर में तकरीबन 150 किलोमीटर का सफर तय करता है और यह हवा के रुख के अनुसार चलता है. टिड्डियों के दल दुनियाभर में 3 करोड़ वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं. 

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अभी और बढ़ेगा आतंक

भारत में जो दल है वह 15 किलोमीटर लंबाई और 5 किमी चौड़ाई में फैला हुआ है. वैज्ञानिक बताते हैं कि आने वाले दिनों में टिड्डियों का आतंक दुनिया के 60 से अधिक देशों में फैल सकता है. ये टिड्डियां दुनिया की 1/10 जनसंख्या की रोजी-रोटी छीन सकती हैं. 

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संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एवं कृषि एजेंसी ने आगाह किया कि आजीविका और खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले रेगिस्तानी टिड्डियों का दल अगले महीने पूर्वी अफ्रीका से भारत और पाकिस्तान की ओर बढ़ सकता है और उनके साथ अन्य कीटों के झुंड भी आ सकते हैं.

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एक झुंड में 8 करोड़ टिड्डी

रेगिस्तानी टिड्डी को दुनिया में सबसे विनाशकारी माइग्रेंट कीट माना जाता है और एक वर्ग किलोमीटर में फैले एक झुंड में 8 करोड़ तक टिड्डी हो सकती हैं.

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रेगिस्तानी टिड्डी

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के सीनियर लोकस्ट फॉरकास्टिंग ऑफिसर कीथ क्रेसमैन ने कहा, कि हर कोई जानता है कि हम दशकों में अब तक के सबसे खराब रेगिस्तानी टिड्डी हमले की स्थिति का सामना कर रहे हैं.

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अगले महीने और खतरा

अभी ये पूर्वी अफ्रीका में हैं जहां उन्होंने आजीविका तथा खाद्य सुरक्षा के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. अगले महीने या उसके बाद ये अन्य इलाकों तक फैलेंगी और पश्चिम अफ्रीका की ओर बढ़ेंगी. और ये हिंद महासागर पार करके भारत तथा पाकिस्तान जाएंगी.