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EPFO ने कंपनियों से कहा कि Facebook और Twitter अकाउंट बना कर करें कर्मचारियों की मदद

कोरोना वायरस महामारी के बीच EPFO ने कर्मचारियों और कंपनियों को राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं. कर्मचारियों को घर बैठे उनकी समस्याओं के समाधान के लिए EPFO ने कंपनियों या इम्पलॉयर्स से कहा है कि वो लॉकडाउन में Facebook और Twitter पर अकाउंट बना कर वहां कर्मचारियों की समस्याओं को सुनें और उन्हें सुलझाएं.
Updated on: May 17, 2020, 08.30 AM IST
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कंपनियों से कहा अकाउंट बना कर करें कर्मचारियों की मदद

EPFO ने कहा कि लॉकडाउन में बहुत से कर्मचारी अपने ऑफिस तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.  ऐसे में कर्मचारियों के पीएफ से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए कंपनियां फेसबुक और ट्वीटर पर अकाउंट बनाएं और कर्मचारियों को इन अकाउंट्स की जानकारी दें. कंपनियां कर्मचारियों को इन फेसबुक और ट्वीटर के अकाउंटर पर कर्मचारियों के सवालों का जल्द से जल्द जवाब दें.    

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EPFO से संबंधित समस्याओं के लिए यहां करें शिकायत

EPFO ने इस मौके पर कहा कि अगर किसी कर्मचारी की कोई दिक्कत ऐसी है जिसमें EPFO की ओर से कोई कार्यवाही की जानी है तो कर्मचारियों से उनकी समस्या को EPFO के पोर्टल  https://epfigms.gov.in पर भेजें.  

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नहीं लगेगा जुर्माना

भविष्य निधि (Provident Fund) का मैनेजमेंट करने वाला संस्थान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने लॉकडाउन (Lockdown) पीरियड में कर्मचारियों की ईपीएफ राशि (Epf Amount) समय पर जमा नहीं करा पाने पर कंपनियों से कोई जुर्माना नहीं लेने का फैसला किया है. सरकार ने देश में कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया है. इससे कंपनियों को कैश की दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है और उन्हें भविष्य निधि कोष में किए जाने वाले जरूरी भुगतान में भी समस्याएं आ रही हैं.  

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श्रम मंत्रालय ने कही ये बात

श्रम मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए सरकार की तरफ से लगाया गया लॉकडाउन लंबा खिंच गया है. महामारी की वजह से दूसरी दिक्कतें भी आई हैं. इन सब से ईपीएफ एंड एमपी अधिनियम 1952 के तहत आने वाले प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं और सामान्य रूप से काम करने तथा समय पर पेमेंट करने में असमर्थ हैं.

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इस वजह से लिया गया फैसला

मंत्रालय ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान योगदान या प्रशासनिक शुल्क के समय पर जमा करने में प्रतिष्ठानों के सामने आई कठिनाइयों को देखते हुए ईपीएफओ ने फैसला किया है कि ऑपरेशन या आर्थिक वजहों से इस तरह की देरी को डिफ़ॉल्ट और पेनाल्टी का नुकसान नहीं माना जाना चाहिए. इस तरह की देरी के लिए जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए.