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Engineers day 2021: इंजीनियरिंग के नायाब नूमने जिसने सबको चौंकाया, तस्वीरों में देखिए कितना है भव्य

इंजीनियरिंग (Engineering) ने इस दुनिया को काफी कुछ दिया है. आज इंजीनियरिंग डे (Engineers day) है. काफी साल पहले जब टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस नहीं थी, इंजीनियरों ने ऐसे-ऐसे निर्माण किए, जो पूरी दुनिया को चौंकाते हैं. भारत सहित दुनियाभर में कई विशालकाय निर्माण हुए जो आज भी धरोहर कहलाते हैं. ऐसे ही कुछ नायाब नूमनों की भव्यता को तस्वीरों के जरिये समझते हैं. 
Updated on: September 15, 2021, 06.46 PM IST
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हावड़ा ब्रिज

कोलकाता-हावड़ा को जोड़ने वाले पुराने समय में बना हावड़ा ब्रिज इंजीनियरिंग का अनूठा उदाहरण है. बिनी किसी पिलर वाला इतना विशालकाय ब्रिज लंबे समय से लाइफलाइन बना हुआ है. हावड़ा ब्रिज को रवीन्द्र सेतू भी कहा जाता है. ब्रिज का काम 1936 में शुरू हुआ और 1942 में पूरा हुआ था. 3 फरवरी 1943 को आमलोगों के लिए खोला गया था.

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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

सरदार बल्लवभाई पटेल की गुजरात में विशालकाय प्रतिमा बनाई गई है. इसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नाम दिया गया है. इंजीनियरिंग का यह भी एक भव्य उदाहरण है. यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है. इसे 46 महीनों में तैयार किया गया.  

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पम्बन ब्रिज

तमिलनाडु में समुद्र में एक रेलवे का पम्बन ब्रिज है. यह भी इंजीनियरिंग का एक नायाब उदाहरण है. 105 साल पुराना यह रेल ब्रिज रामेश्वरम और मेनलैंड इंडिया को जोड़ता है. ब्रिज को बीच से फोल्ड कर शिप को क्रॉस कराया जाता है.

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चेनाब रेल ब्रिज

भारत सरकार जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बना रही है. यह ब्रिज ब्लास्ट और भूकंप को भी झेल सकेगा. इस ब्रिज की ऊंचाई चेनाब नदी से 359 मीटर होगी. 

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ऑरोविले का मैत्रीमंदिर

तमिलनाडु में स्थित ऑरोविले का मैत्रीमंदिर भी इंजीनियरिंग का शानदार उदाहरण है. आध्यात्मिक महत्व के इस भवन को 1971 में अपनी स्थापना के बाद से बनने में 37 साल लगे. विशाल स्वर्ण क्षेत्र बारह आसनों से घिरा हुआ है.