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IMD की चेतावनी: आज दोपहर बाद तट से टकराएगा अम्‍फान तूफान! इन इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्‍फान’ 20.5.2020 को दोपहर से शाम के बीच किसी भी समय तट से टकराएगा. मौसम विभाग की ओर से इस चक्रवाती तूफान के चलते ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है. तटीय इलाकों से बड़ी संख्या में लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया गया है.  
Updated on: May 20, 2020, 09.34 AM IST
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सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्‍फान’ तेजी से आगे बढ़ रहा है

सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्‍फान’ पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी से लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर चल रहा है. 20 मई, 2020 की दोपहर से शाम के बीच कभी भी ये तूफान तट से टकराएगा. इस दौरान तूफान के चलते हवा की स्पीड 155-165 से लेकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है. पश्चिम बंगाल- बांग्लादेश के तटीय इलाकों में सुंदरवन के पास दीघा (पश्चिम बंगाल) एवं हटिया प्रायद्वीप (बांग्लादेश) के करीब ये तूफान तट से टकराएगा. सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्‍फान’ को अभी लगातार विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) स्थित डॉप्लर वेदर रडार (डीडब्ल्यूआर) से ट्रैक किया जा रहा है.  

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भारी बारिश की चेतावनी

19 मई की सुबह से ही ओडिशा के तटीय इलाकों में बारिश शुरु हो चुकी है.  बारिश की तीव्रता के धीरे-धीरे लगातार बढ़ने की संभावना है 20 मई के दोपहर तक काफी तेज बारिश दर्ज की जा सकती है. 19 मई, 2020 को ओडिशा के जगतसिंह पुर, केंद्रपाड़ा और भद्रक जिलों में भारी से बहुत भारी और जाजपुर, बालासोर, कटक, मयूरभंज, खोरधा एवं पूरी जिले में भारी बारिश सहित तटीय ओडिशा की अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज हुई.  वहीं 20 मई 2020 को उत्तरी तटीय ओडिशा (जगतसिंह पुर, भद्रक एवं क्योंझरगढ़ जिले) में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है.    

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पश्चिम बंगाल में भारी बारिश

पश्चिम बंगाल में गंगा से लगे तटीय जिलों (पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तरी 24 परगना) में बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ सकती है और 20 मई को काफी तेज हो सकती है.  पश्चिम बंगाल के ज्यादातर हिस्सों में 20 मई को भारी से बहुत भारी बारिश और पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्रों (पूर्व एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता और इससे सटे जिलों) में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है. 21 मई, 2020 को भी आंतरिक जिलों में जगह-जगह भारी बारिश होने की संभावना है.  

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उप-हिमालयी पश्चिमी बंगाल और सिक्किम में बारिश

20 मई, 2020 को मालदा एवं दिनाजपुर जिलों की कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश के साथ अधिकांश जगहों और 21 मई, 2020 को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम के अधिकांश जिलों में बारिश की संभावना है. असम और मेघालय में 21 मई को असम के पश्चिमी जिलों एवं मेघालय में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है  

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पश्चिम बंगाल और ओडिशा में तेज हवाएं

हवा की स्पीड धीरे-धीरे बढ़ेगी और 20 मई की सुबह उत्तरी ओडिशा (जगतसिंह पुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर एवं मयूरभंज जिलों) के तटीय इलाकों में और पश्चिम बंगाल (पूर्व एवं पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता जिलों) के तटीय इलाकों में 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की आंधी के साथ 95 किलोमीटर प्रति घंटे के तेज झोंके की रफ्तार पकड़ लेगी. इसके बाद हवा की गति धीरे-धीरे और तेज होगी और उत्तरी ओडिशा के ऊपर वर्णित जिलों में 100-110 से लेकर 125 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी. तूफानी के तट से टकराने पर पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर और उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना जिलों में 155-165 से लेकर 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेगी और कोलकाता, हुगली, हावड़ा एवं पश्चिम मेदिनीपुर जिले में यह 110-120 से लेकर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलेगी.  20 मई, 2020 के दौरान ओडिशा के पुरी, खोरधा, कटक, जाजपुर जिलों में तूफानी हवा के 55-65 से लेकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा के झोंके से चलने की संभावना है.    

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मछुआरों को चेतावनी

मछुआरों को अगले चौबीस घंटों के दौरान दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी- मध्य और इससे सटे मध्य इलाकों और 20 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी एवं उत्तरी बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने की सलाह दी गई है. मछुआरों को 20 मई 2020 तक उत्तरी ओडिशा, पश्चिम बंगाल और इससे सटे बांग्लादेश से लगी उत्तरी बंगाल की खाड़ी में भी नहीं जाने की सलाह दी गई है. तूफान के समुद्र से टकराने के दौरान पश्चिम बंगाल के दक्षिणी एवं उत्तर 24 परगना के निचले इलाकों में 4-5 मीटर ऊंची लहरें और पूर्वी मेदिनीपुर के निचले इलाकों से 3-4 मीटर ऊंची लहरें उठ सकती हैं.    

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इस तरह के नुकसान की संभावना

सभी तरह के कच्चे घरों को भारी नुकसान, पुराने पक्का मकानों को कुछ नुकसान, बहती चीजों से भी खतरे की आशंका संचार एवं बिजली के खंभों का बड़ी संख्या में उखड़ना कई जगहों पर रेल /सड़क मार्ग बंद होना खेतों में लगी फसलों, बाग- बगीचे का भारी नुकसान पाम एवं नारियल के पेड़ों का हवा के झोंकों से उखड़ना आम के पेड़ जैसे बड़े झाड़ीदार पेड़ों का उखड़ना लंगर से बंधे बड़े नावों और जहाजों का टूटना