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Covaxin vs Covishield vs Sputnik V: किसमें कितना दम, कितनी कीमत और मिलने में कितनी आसानी; जानिए सब कुछ

वैक्‍सीनेशन को रफ्तार देने में सबसे बड़ी दिक्‍कत अभी वैक्‍सीन की कमी को लेकर आ रही है. इससे निपटने के लिए सरकार की तरफ से कोशिशें जारी हैं.
Updated on: May 20, 2021, 12.39 PM IST
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कोरोना वैक्‍सीन की कीमत 

Covaxin: हैदराबाद की भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन को डेवलप किया है. इस वैक्‍सीन को पारंपरिक इनएक्टिवेटेड प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है. इस तकनीक में डेड वायरस को शरीर में इनफ्यूज किया जाता है, एंटीबॉडी रिस्पॉन्स होता है और शरीर वायरस को पहचानने और उससे लड़ने लायक एंटीबॉडी बनाता है. जहां तक कीमत की बात है, तो कोवैक्सिन राज्य सरकारों को यह 400 रुपये और प्राइवेट अस्पतालों में 1,200 रुपये प्रति डोज उपलब्ध होगी. भारत बायोटेक केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति डोज की दर से वैक्‍सीन की सप्‍लाई कर रही है. केंद्र यह वैक्सीन मुफ्त उपलब्‍ध करा रहा है. Covishield: कोविशील्‍ड एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है. इसमें कोरोना वायरस जैसा ही स्पाइक प्रोटीन बनाया गया है. यह शरीर में जाकर वायरस के खिलाफ प्रोटेक्शन डेवलप करता है. कीमत की बात करें, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने राज्य सरकारों के लिए कोविशील्ड के एक डोज की कीमत 300 रुपये और प्राइवेट अस्पतालों के लिए 600 रुपये तय की गई है. Sputnik V: स्पूतनिक V भी एक वायरल वेक्टर वैक्सीन है. इसमें अंतर यह है कि इसे एक के बजाय दो वायरस से बनाया गया है. इसमें दोनों डोज अलग-अलग होते हैं. जबकि कोवैक्सिन और कोविशील्ड के दो डोज में अंतर नहीं है. हालांकि, स्‍पूतनिक लाइट भी आने वाली है. यह सिंगल डोज वैक्‍सीन होगी. जहां तक कीमत की बात करें तो रेड्डीज लैबोरेटरीज ने स्पूतनिक-V को 14 मई को भारतीय बाजार में पेश किया. कंपनी ने कहा था कि इसकी एक डोज की कीमत 948 रुपये है. इस पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी के साथ मूल्य 995.40 रुपये प्रति डोज है. इस वैक्सीन के लिए डॉ रेड्डीज ने अपोलो अस्पताल के साथ भी करार किया है. अपोलो अस्पताल में स्पूतनिक वी वैक्सीन के एक डोज की कीमत 1250 रुपये होगी. इसमें अस्पताल का खर्चा भी शामिल है.

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कोरोना वैक्‍सीन की क्षमता

Covaxin: भारत बायोटेक और ICMR ने कोवैक्सिन के तीसरे फेज की अंतरिम क्लीनिकल ट्रायल रिपोर्ट में कहा था कि कोवैक्सिन क्लीनिकली 78% असरदार है.  खास बात यह है कि यह वैक्सीन गंभीर लक्षणों को रोकने में और मौत को टालने में 100 फीसदी प्रभावी है. कंपनी ने अपने एनालिसिस में कोरोना के 87 सिंप्टम्स पर रिसर्च की थी. वैक्सीन को लेकर अंतिम रिपोर्ट जून में जारी की जाएगी.  कोवैक्सीन (Covaxin)को  इमरजेंसी इस्‍तेमाल के लिए 3  जनवरी को मंजूरी मिली थी. Covishield: कोविशील्ड के ट्रायल्स पिछले साल नवंबर में खत्म हुए थे. कोविशील्ड की एफीकेसी रेट करीब 70 फीसदी है और दूसरे डोज के बाद यह 90 फीसदी तक जा सकता है. यह वैक्सीन न केवल गंभीर लक्षणों से बचाती है बल्कि रिकवरी समय को भी घटाती है.  Sputnik v: स्पूतनिक वी ने तीसरे फेज के ट्रायल में मजबूत प्रतिरोधक क्षमता दिखाई है. नतीजों में 91.6% एफीकेसी रेट सामने आया है. मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन ही 90 फीसदी अधिक इफेक्टिव साबित हुई हैं.

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कोरोना वैक्‍सीन का प्रोडक्‍शन

Covaxin: केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आकलन के मुताबिक अगस्‍त और दिसंबर 2021 के बीच कोवैक्‍सीन की 55 करोड़ डोज उपलब्‍ध हो जाएगी. इसके अलावा, केंद्र सरकार के दो पीएसयू- इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) और भारत इम्‍यूनोलॉजिकल्‍स एंड बॉयोलॉजिकल्‍स लिमिटेड (BIBCOL) ने भारत बायोटेक के साथ एक टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर का समझौता किया है. इसके अलावा, महाराष्‍ट्र सरकार के पीएसयू हाफकीन संस्थान (Haffkine Institute) ने भी भारत बायोटेक के साथ एक टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर समझौता किया है. इसके चलते इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स लिमिटेड सितंबर, 2021 से कोवैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा. वहीं,  हाफकीन संस्थान और BIBCOL नवंबर, 2021 से कोवैक्सीन का प्रोडक्‍शन शुरू कर देंगे.  फिलहाल केंद्र सरकार भारत बायोटेक और कुछ अन्य पीएसयू के साथ-साथ निजी कंपनियों के साथ टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर डील को पूरा करने के लिए बातचीत कर रही है. Covishield: स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्‍त-दिसंबर 2021 के बीच कोविशील्‍ड की 75 करोड़ डोज उपलब्‍ध हो जाएगी. कोविशील्‍ड का प्रोडक्‍शन कर रही सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने हाल ही में एक इंटरव्‍यू में कहा था कि सीएम इंस्टीट्यूट जुलाई के आखिर में अपने उत्पादन को 10 करोड़ खुराक तक बढ़ाने में सक्षम होगा. इससे पहले मई के अंत तक उत्पादन क्षमता बढ़ाने की टाइमलाइन तय की गई थी. उन्होंने छह महीने के भीतर इंस्टीट्यूट की उत्पादन क्षमता 2.5 अरब से बढ़ाकर 3 अरब डोज सालाना होने की उम्मीद की है.   Sputnik V: स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के मुताबिक, अगस्‍त और दिसंबर 2021 के बीच स्‍पूतनिक की 15.6 करोड़ डोज उपलब्‍ध हो जाएगी. 14 मई से डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने देश में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V की डिलीवरी शुरू कर दी है. एक मई को डेढ़ लाख वैक्सीन डोज की पहली खेप भारत पहुंची थी. अभी स्‍फूतनिक को डॉ. रेड्डीज पूरी तरह इम्‍पोर्ट कर रही है. कंपनी ने बताया है कि आगे भारतीय साझेदार कंपनियों की ओर से इसका प्रोडक्‍शन किया जाएगा.