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सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण, 400 किमी दूर बैठे दुश्मन को भी कर देगी ढेर

भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है. यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा है. ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र है. क्रूज प्रक्षेपास्त्र उसे कहते हैं जो कम ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और इस तरह से रडार की आंख से बच जाती है.
Updated on: September 30, 2020, 02.18 PM IST
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ब्रह्मोस मिसाइल का अपग्रेड वर्जन

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की रेंज मारक क्षमता बढ़ाकर 400 किलोमीटर की गई है. मिसाइल के अपग्रेड वर्जन का भी परीक्षण भी बिल्कुल खरा उतरा है.  (All Images-DRDO)

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डीआरडीओ ने किया परीक्षण

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के PJ-10 परियोजना के तहत ब्रह्मोस का परीक्षण किया गया है. इस प्रोजेक्ट में मिसाइल को स्वदेशी बूस्टर के साथ लॉन्च किया गया. इस ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता 400 किलोमीटर से भी अधिक है.  

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हर जगह से अचूक निशाना

भारत के तैयार हथियारों में ब्रह्मोस मिसाइल शामिल है, जोकि हवा से हवा और हवा से सतह तक मार करने की क्षमता रखती है. ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल को पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है.  

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रूस और भारत का संयुक्त उपक्रम

रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroeyenia) और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने मिलकर इसका विकास किया है. यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की टेक्नोलॉजी पर आधारित है.  

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भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी

ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है. रूस इस परियोजना में प्रक्षेपास्त्र तकनीक उपलब्ध करवा रहा है और उड़ान के दौरान गाइड करने की क्षमता भारत द्वारा विकसित की गई है.

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क्रूज मिसाइल

क्रूज मिसाइल धरती की सतह के समांनांतर चलती है और इसका निशाना बिल्कुल सटीक होता है. क्रूज मिसाइल छोटी होती है. इसे छोड़े जाने से पहले बहुत आसानी से छुपाया जा सकता है. क्रूज मिसाइल पारंपरिक और परमाणु बम, दोनों के लिए ही कारगर मानी जाती हैं.