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APJ Abdul Kalam Birthday: मिसाइलमैन अब्दुल कलाम की जिंदगी से जुड़े 10 अनसुने और दिलचस्प किस्से

APJ Abdul Kalam Birthday: देश के सबसे सफल वैज्ञानिकों में से एक रहे डॉ. कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामश्वरेम में हुआ था. 15 अक्टूबर, 1931 को मछुआरों के परिवार में जन्में कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलआबिदीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) था. उनका बचपन काफी तंगहाली में गुजरा था.
Updated on: October 15, 2021, 02.10 PM IST
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संघर्ष भरा बचपन

देश के सबसे सफल वैज्ञानिकों में से एक रहे डॉ. कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामश्वरेम में हुआ था. 15 अक्टूबर, 1931 को मछुआरों के परिवार में जन्में कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलआबिदीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) था. उनका बचपन काफी तंगहाली में गुजरा था.

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जन्मदिन पर मानाया जाता है विश्व छात्र दिवस

कलाम को उनके दिए मोटिवेशनल भाषणों के लिए भी जाना जाता है. उनके द्वारा कही गई बात आज भी छात्रों को काफी प्रेरित करती है. संयुक्त राष्ट्र ने कलाम के इन्हीं प्रयासों को सम्मानित करते हुए 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाने का एलान किया है.

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आम आदमी की जरूरतों पर भी करते थे काम

कलाम आम आदमी की जरूरतों पर भी काम करते थे और लगातार इस प्रयास में रहते थे कि कैसे टैक्नोलॉजी की मदद से उनकी जरुरूत की चीजें सस्ती की जाएं. हैदराबाद के केयर हॉस्पिटल के चेयरमेन सोमा राजू की मदद से उन्होंने एक सस्ता और बेहतरीन कोरोनरी स्टेंट भी बनाया, जिसका नाम रखा गया 'कलाम-राजू स्टेंट'. 14 साल बाद यानी 2102 में दोनों ने मिलकर ग्रामीण इलाकों के हैल्थकेयर वर्कर्स के लिए एक टेबलेट कम्यूटर भी तैयार किया, जिसको 'कलाम-राजू टेबलेट' नाम दिया गया.

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सिर्फ दो छुट्टियां लिया

ऐसा माना जाता है कि कलाम ने अपने प्रोफेशनल करियर में सिर्फ दो छुट्टियां लिया था. एक अपने माता की मृत्यु के समय और दूसरी अपने पिता की मृत्यु के समय.

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सादगी के मिसाल

देश के सर्वोच्च पद पर बैठने के बावजूद डॉ. कलाम सादगी के मिसाल थे. उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उनके परिवार और रिश्तेदारी के कुछ लोग राष्ट्रपति भवन आए थे. वे कुल 8 दिन तक राष्ट्रपति भवन में रहे थे, लेकिन डॉ. कलाम ने उनके रहने खाने आदि पर हुए सभी खर्च का जिम्मा खुद उठाया था.

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कलाम के आखिरी शब्द

27 जुलाई 2015, शिलोंग IIM में एक कार्यक्रम में गए APJ अब्दुल कलाम की अचानक कार्डियेक अरेस्ट से मौत हो गई. कार्यक्रम में मौजूद उनके एक सहयोगी ने बताया कि उनके आखिरी शब्द थे- 'फनी गाएज, आर यू डूइंग वैल?'  

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भारत के ऐसे इकलौते राष्ट्रपति

वो भारत के इकलौते राष्ट्रपति थे, जो कुंवारे थे, शाकाहारी थे, जिनका अपना कोई निजी टीवी नहीं था, और बेहद सादा जीवन बिताते थे.

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हिंदू धर्म का था विशेष ज्ञान

कलाम के पिता एक मस्जिद में इमाम थे, इसलिए बचपन से उन्होंने धार्मिक माहौल देखा. रमजान के महीनों में वह रोजा भी रखते थे. लेकिन रोज शाम को उनके पिता एक चाय की दुकान पर रामनाथ स्वामी मंदिर के पुजारी और पास की ही एक चर्च के फादर से चर्चाऐं किया करते थे. बाल मन से ही कलाम के मन में ये चर्चाएं सुनकर बाकी धर्मों के प्रति काफी रुझान जागृत हुआ. कलाम कुरान के साथ ही भगवत गीता भी पढ़ते थे.

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फाइटर पाइलट बनने का था सपना

अब्दुल कलाम का बचपन का सपना था फाइटर पाइलट बनना, और उनको एक बार ये मौका मिला भी. उन्होंने खुद अपनी एक किताब में खुलासा किया कि कैसे वो फाइटर पायलट बनने के सपने देखते थे. एक बार एयरफोर्स ने 8 फाइटर पायलट्स की जॉब भी निकालीं, तो कलाम ने भी एप्लाई किया, लेकिन वो नवें नंबर पर आए. यानी उनकी किस्मत में कुछ और भी बेहतर लिखा था.  

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राष्ट्रपति पद से पहले भारत रत्न से सम्मानित

कलाम ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे, जिनको ये पद मिलने से पहले ही भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका था. इससे पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ. जाकिर हुसैन भी राष्ट्रपति पद पर आने से पहले भारत रत्न से सम्मानित हो चुके थे. डॉ. कलाम को 1997 में भारत रत्न मिला था, जबकि वो 2002 में राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए थे.