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लॉकडाउन के बीच सरकार ने किसानों को दी बड़ी राहत, बनाया गया कंट्रोल रूम

लॉकडाउन के बीच किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं. सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कंट्रोल रूम बनाया है. सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि कृषि उपज और अन्य संबंधित वस्तुओं के आने जाने में किसी तरह की मुश्किल नहीं आए साथ ही कृषि उत्पादों के निर्यात को भी बनाए रखने की बात कही गई है.  
Updated on: April 08, 2020, 02.18 PM IST
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कृषि मंत्री ने बैठक कर कंट्रोल रूम बनाने को कहा

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तमाम वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक लेकर, किसानों को राहत पहुंचाने के उपायों पर सख्ती से अमल किए जाने की समीक्षा की.  उन्होंने कंट्रोल रूम बनाकर नियमित निगरानी के दिशा-निर्देश भी दिए.    

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खेती के कामों के बीच बनाए रखनी है सोशल डिस्टेंसिंग

covid 19 के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है. इसके चलते आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है.  ऐसे में, किसानों को कई तरह की दिक्कतें होने की खबर आ रही थी.  इसी को ध्यान रखते हुए प्रधानमंत्री के निर्देशों पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के साथ बात की. केंद्रीय कृषि मंत्री की ओर से ली गई बैठक में साफ निर्देश दिए गए कि फसलों की कटाई में किसानों को कोई परेशानी नहीं होना चाहिए.    

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ट्रकों को लॉकडाउन से दी गई छूट

किसानों की उपज खेत के पास ही बिक सकें इसका इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कृषि उत्पादों का राज्य और अंतरराज्यीय परिवहन आसानी से हो सके इसके लिए ट्रकों की आवाजाही को भी लॉकडाउन से छूट दी गई है.  आगे बुआई भी होना है, जिसे लेकर खाद-बीज की कमी कहीं भी नहीं होना चाहिए.  खाद-बीज के परिवहन के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाना चाहिए.  जिन कृषि वस्तुओं का निर्यात किया जाना है, वह प्रभावित नहीं होना चाहिए. कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि कार्यों के बीच भी सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखा जाए.  

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हाईवे के ट्रकों के लिए किए गए खास इंतजाम

कृषि उत्पादों की ख़रीद से संबंधित संस्थाओं और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी और राज्यों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानों, किसानों व श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता हेतु कस्टम हायरिंग केंद्रों और उर्वरक, कीटनाशक और बीजों पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई और बुआई से संबंधित कृषि और बाग़वानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतरराज्यीय आवाजाही को छूट दी गई है.  कृषि मशीनरी व कलपुर्जों की दुकानें लॉकडाउन में चालू रखी जा सकेगी.  छूट में संबंधित आपूर्तिकर्ताओं को भी शामिल किया गया है.  हाईवे पर ट्रकों की मरम्मत करने वाले गैरेज व पेट्रोल पंप भी चालू रहेंगे, ताकि कृषि उपज का परिवहन सुगमता से हो सकें.  इसी तरह, चाय बागानों पर अधिकतम 50 प्रतिशत कर्मचारी रखते हुए काम किया जा सकेगा.  

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खेती के लिए मई तक ले सकेंगे कर्ज

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) प्लेटफ़ॉर्म की नई सुविधाएं भी लांच की गई है, जिनका इस दौरान लाभ उठाया जा सकता है.  केंद्र ने किसानों के अल्पकालिक फसली ऋण जो 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, के लिए पुनर्भुगतान की अवधि भी 31 मई 2020 तक बढ़ाई है.  किसान 31 मई 2020 तक अपने फसल ऋण को बिना किसी दंडात्मक ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं.