पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने एलपीजी उपभोक्ताओं के आधार संबंधित जानकारियों में सेंध के आरोपों को को खारिज कर दिया. उन्होंने कांग्रेस पर इस बात को लेकर हमला करते हुए कहा कि विपक्षी नेता भ्रामक दावों के जरिये भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा के स्रोतों पर संशय पैदा कर रहे हैं. प्रधान ने एलपीजी उपभोक्ताओं की आधार संख्या में किसी भी तरह के सेंध को नकारते हुए कहा कि सारी जानकारियां सुरक्षित हैं. उन्होंने 2,582 पेट्रोल पंपों के आवंटन के पत्र वितरित करने के लिये आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘कहीं कोई सेंध नहीं है, गोपनीयता के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है.’’

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उन्होंने कहा कि फ्रांस के एक हैकर ने सबसे पहले यह दावा किया जिसके बाद कंपनी ने इसकी जांच की. उन्होंने कहा कि हमें सुरक्षा व्यवस्था और प्रणाली में कोई सेंध नहीं मिला. उन्होंने फ्रांस के हैकर के दावों के आधार पर देश की बड़ी तेल कंपनियों पर संदेह के लिये कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि इन कंपनियों ने देश के हर हिस्से में हमेशा बिना किसी रुकावट के वाहन एवं घरेलू ईंधन की आपूर्ति की है.

प्रधान ने कहा कि ये भ्रामक दावे हैं. आप किसके ऊपर शक कर रहे हैं? आईओसी? वह कंपनी जिसने लगातार हर मौसम में लद्दाख की चोटियों तक ईंधन की आपूर्ति की है. या बीपीसीएल जिसने यह सुनिश्चित किया कि बाढ़ के समय में भी केरल में एलपीजी की आपूर्ति बाधित नहीं हो. इन कंपनियों ने तब भी किरोसीन, एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जब चेन्नई बाढ़ में डूबा हुआ था. उन्होंने खर्च की परवाह किये बिना बंद से जूझ रहे मणिपुर में विमानों के जरिये ईंधन की आपूर्ति की.’’

उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां राजनीति का साधन नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘ये संस्थान हैं. ऊर्जा का मंदिर, ऊर्जा का गिरिजाघर, ऊर्जा का दरगाह. आप पुजारी पर संदेह कर सकते हैं लेकिन क्या आपने कभी मंदिर, गिरिजाघर या मस्जिद पर संदेह के बारे में सुना है?’ प्रधान ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा कि युवराज की पार्टी को भारत में भरोसा नहीं है इसीलिये वे ऐसे संदेह पैदा कर रहे हैं.