13 दिसंबर को संसद में हुई सुरक्षा चूक के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. गुरुवार को पुलिस सूत्र ने बताया कि इस घटना का असली 'मास्‍टर माइंड' कोई और है. सूत्र के मुताबिक इसको लेकर इस घटना को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने संसद के बाहर रेकी की थी. सभी आरोपी सोशल मीडिया पेज 'भगत सिंह फैन क्‍लब' से जुड़े हुए थे.

डेढ़ साल पहले मैसूर में मिले थे सभी

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पुलिस सूत्र के मुताबिक करीब डेढ़ साल पहले ये सभी मैसूर में मिले. सागर जुलाई में लखनऊ से दिल्‍ली आया, लेकिन पार्लियामेंट के अंदर नहीं घुस पाया. इसके बाद 10 दिसंबर को एक-एक करके सभी अपने-अपने राज्‍यों से दिल्‍ली आए और इंडिया गेट के पास इकट्ठे हुए. यहां सभी को कलर्ड क्रैकर्स दिए गए. 

गृह मंत्रालय के आदेश पर बनाई गई जांच समिति

फिलहाल पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ UAPA सेक्‍शन के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है. लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने संसद में सुरक्षा चूक मामले को लेकर जांच के आदेश दिए हैं. सीआरपीएफ के महानिदेशक आशीष दयाल सिंह के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया गया है, इसमें दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के सदस्‍य और विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है.

क्‍या है पूरा मामला

बुधवार 13 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के दौरान अचानक से दो युवक सुरक्षा घेरा तोड़कर विजिटर गैलरी से कूद गए और सांसदों की सीट तक जा पहुंचे. कार्यवाही में मौजूद सांसदों के मुताबिक, दोनों युवकों के हाथ में टियर गैस कनस्तर था. इस बीच एक शख्स ने जूते से स्पे निकाला, स्प्रे से पीला धुआं निकलने लगा. साथ ही युवकों ने नारेबाजी भी की. इससे अचानक से अफरा-तफरी मच गई. दोनों युवकों को उस समय सांसदों ने पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया. 

इस घटना ने लोगों को 13 दिसंबर 2001 में हुए संसद अटैक की याद दिला दी. संसद की सुरक्षा में चूक का ये काफी बड़ा मामला है. फिलहाल संसद के अंदर और बाहर स्मोक अटैक क्रेकर चलाने के मामले में अब तक छह आरोपित की गिरफ्तारी हो चुकी है. सातवें की तलाश जारी है.