लोकसभा की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में जांच के निर्देश देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही बिरला ने दर्शक दीर्घा के लिए बनने वाले पास पर भी रोक लगा दी है. लोकसभा और संसद की सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा मजबूत बनाने के तौर तरीकों पर चर्चा करने के लिए स्पीकर बिरला ने आज शाम को ही सर्वदलीय बैठक भी बुला ली है, जिसमें सदन के सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को बुलाया गया है.

संसद परिसर में आज चार गिरफ्तारियां

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दोपहर 2 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को सदन की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सदन को जानकारी देते हुए बताया है कि दोनों लोगों (सदन में कूदने वाले युवकों) को पकड़ लिया गया है और उनके पास मौजूद सामग्रियों को भी जब्त कर लिया है. बिरला ने यह भी बताया कि संसद भवन के बाहर से भी दो लोगों को पकड़ा गया है.

धुएं को लेकर चिंता

लोकसभा स्पीकर बिरला ने बताया, "जो घटना शून्य काल के समय घटित हुई थी, उस घटना की लोकसभा अपने स्तर पर संपूर्ण जांच कर रही है और इस संबंध में दिल्ली पुलिस को भी आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं. लेकिन, जो हम सबकी चिंता थी कि वह धुआं क्या था? तो, अभी तक प्रारंभिक जांच में वह सामने आया है कि वह धुआं साधारण और सनसनी फैलाने वाला धुआं था, इसलिए यह धुआं चिंता का विषय नहीं है, इसकी प्रारंभिक जांच कर ली गई है." सदन में विपक्षी सांसदों द्वारा चर्चा की मांग पर बिरला ने कहा कि घटना की प्रारंभिक जांच अभी जारी है और अंतिम जांच में तथ्यों के सामने आने के बाद वह सदन को तथ्यों से अवगत कराएंगे.

क्या हुआ था?

दरअसल, बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल की कार्यवाही के दौरान अचानक सदन में उस समय अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब अचानक दर्शक दीर्घा से 2 युवक सदन में कूद पड़े और इनमें से एक युवक ने सीटों पर कूदते हुए आगे की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया. उस समय सदन में मौजूद सांसदों ने दोनों को पकड़ने का प्रयास किया तो उसने जूते से कुछ निकालने का प्रयास किया.

संसद हमले की 22वीं बरसी पर हुई घटना

कई सांसदों ने यह भी बताया कि उस समय सदन के अंदर पीला सा धुंआ भी नजर आया. सांसदों ने दोनों को पकड़कर सुरक्षाकर्मियों के हवाले किया. सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने लोकसभा की कार्यवाही को तुरंत रोककर सदन को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. लोकसभा की सुरक्षा में चूक की यह बड़ी घटना उसी दिन हुई है जब देश भारत के लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद भवन पर 13 दिसंबर, 2001 को हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर इस भयावह हमले के दौरान शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को याद कर रहा है.