Parliament Budget session 2024: संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो सकता है. ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पार्लियामेंट का सेशन होने वाला है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन की सुरक्षा में हुई चूक के बाद अब बजट सेशन के दौरान विजिटर्स की जांच के लिए संसद परिसर में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 140 कर्मियों की टुकड़ी तैनात की गई है. इसके साथ ही संसद कर्मियों को संसद भवन परिसर में तस्वीरें नहीं खींचने और वीडियो नहीं बनाने की हिदायत दी गई है. सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत इस तरह की गतिविधियां प्रतिबंधित हैं. संसद भवन के कार्यवाहक संयुक्त सचिव (सुरक्षा) ने एक परिपत्र में कहा है कि बार-बार निर्देशों के बावजूद कुछ अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं. 

फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी की होगी मनाही

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गत 19 जनवरी की तारीख में जारी सर्कुलर के मुताबिक, "संसद भवन परिसर भारत में सबसे अधिक खतरे का सामना करने वाली जगहों में शामिल है. इसकी रणनीतिक सुरक्षा व्यवस्था के तहत संसद भवन परिसर में फोटोग्राफी/वीडियो बनाने पर पाबंदी भी सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है."

इसमें कहा गया है कि कैमरे, जासूसी कैमरे और स्मार्टफोन से परिसर की सुरक्षा को प्रत्यक्ष खतरा है. उसने लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों तथा संसद भवन संपदा में कार्यरत अन्य सहयोगी एजेंसियों के सभी अधिकारियों और कर्मियों को सूचित किया कि संसद भवन परिसर के अंदर किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी पर सख्त प्रतिबंध है. 

सर्कुलर में कहा गया है कि जिन अधिकारियों/आगंतुकों को मोबाइल फोन/स्मार्टफोन के साथ आने की अनुमति है, उनके भी संसद भवन परिसर में किसी तरह की फोटोग्राफी करने पर सख्ती से प्रतिबंध रहेगा. इसमें कहा गया कि संसद, सांसदों और अन्य गणमान्यों तथा कर्मियों की सुरक्षा संसद सुरक्षा सेवा की प्राथमिकता है.

CISF के 140 कर्मियों की टुकड़ी तैनात

संसद में बजट सत्र के दौरान आगंतुकों और उनके सामान की जांच के लिए नई व्यवस्था के तहत संसद परिसर में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 140 कर्मियों की टुकड़ी तैनात की गई है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले महीने संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था की व्यापक समीक्षा की थी जिसके बाद CISF कर्मियों की तैनाती को मंजूरी दी गयी थी. CISF के 140 कर्मियों ने सोमवार को संसद भवन परिसर की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया. 

सूत्रों ने बताया कि CISF की इकाई की अगुवाई सहायक कमांडेंट (SC) स्तर का एक अधिकारी करेगा और इकाई में दमकल शाखा के 36 कर्मी भी शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि यह दल वहां पहले से मौजूद अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ संसद परिसर का जायजा ले रहा है ताकि 31 जनवरी से अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए तैयार हो सके जब बजट सत्र की शुरुआत होगी. 

CISF के जिम्मे होगी नए-पुराने संसद की सिक्योरिटी जांच

सूत्रों ने बताया कि CISF को नए और पुराने संसद भवन परिसर का नियंत्रण दिया जाएगा जहां हवाई अड्डे जैसी सुरक्षा व्यवस्था होगी जिसमें लोगों की और सामान की जांच एक्स-रे मशीन व मेटल डिटेक्टर से होगी. जूतों, भारी जैकेट और बेल्ट को एक ट्रे में रखकर एक्स-रे मशीने से जांच करने का भी प्रावधान है. बल ने संसद की सुरक्षा के लिए स्थायी रूप से 140 कर्मियों की उपलब्धता को मंजूरी देने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा है. 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "संसद में तैनात की गई वर्तमान इकाई को CISF की सरकारी भवन सुरक्षा (जीबीएस) इकाई के तहत नियमित किया जाएगा जो विभिन्न मंत्रालयों और सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों के मुख्यालयों की सुरक्षा करती है." 

CISF में करीब 1.70 लाख कर्मी हैं और यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आता है. इसके पास देश के 68 नागरिक हवाई अड्डों के अलावा एयरोस्पेस और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का भी जिम्मा है. सूत्रों ने पहले पीटीआई-भाषा को बताया था कि नए और पुराने संसद भवन परिसरों और उनसे संबद्ध इमारतों को CISF के व्यापक सुरक्षा घेरे में लाया जाएगा और संसद सुरक्षा सेवा (पीएसएस), दिल्ली पुलिस और CRPF के संसद ड्यूटी समूह (पीडीपजी) भी रहेंगे. 

2001 में बनी थी CISF की GSB

साल 2001 में संसद भवन पर हमले के बाद CISF की जीएसबी का गठन किया गया था जिसे राष्ट्रीय राजधानी में नॉर्थ और साऊथ ब्लॉक, कैबिनेट सचिवालय, विज्ञान भवन, यूपीएससी भवन, सीजीओ कॉम्प्लेक्स समेत केंद्र सरकार की अन्य इमारतों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था.