Online Gaming Regulation: देश में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के रेगुलेशन को लेकर सख्ती बढ़ सकती है. इस सिलसिले में गृह विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बैठक बुलाई गई. बैठक में ऑनलाइन गेम, बेटिंग और गैम्बलिंग के लिए सख्त कानून बनाने की सिफारिश की गई. मीटिंग में केंद्र सरकार को ऑनलाइन गेमिंग, बेटिंग और गैम्बलिंग के लिए कोई नया कानून बनाने की बात कही गई. साथ ही आईटी एक्ट में बदलाव करके इन सभी ऑनलाइन गेमिंग, बेटिंग और गैम्बलिंग को रेगुलेट करने की भी बात कही गई. गेमिंग के लेकर सख्त कानून की जरूरत इस बैठक में ED, SFIO, रेवन्यू डिपार्टमेंट, जीएसटी, CBDT, MEITY के लोग शामिल रहे. सभी ने माना कि ऑनलाइन गेमिंग और बेटिंग के लिए सख्त कानून की जरूरत है. इस बैठक में चाइनीज कंपनियों और इन प्लेटफार्म का उपयोग कर पैसे के गलत उपयोग पर भी चर्चा हुई. मीटिंग के दौरान इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने अपनी इन्वेस्टिगेशन  के बारे में भी बताया. ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के नेतृत्व वाले जीओएम (GoM) ने ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) पर विचार-विमर्श किया था. इसके बाद GoM ने कैसीनो (Casino) और ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) कंपनियों से कुल रेवेन्यू पर 28 प्रतिशत GST की सिफारिश की थी. GoM की ये थी सिफारिश पिछले महीने काउंसिल को सौंपी गई रिपोर्ट में जीओएम ने सिफारिश की थी कि ऑनलाइन गेमिंग पर कंसिडरेशन के पूरे वैल्यू पर टैक्स लगाया जाना चाहिए, जिसमें खेल में भाग लेने के लिए खिलाड़ी द्वारा भुगतान की जाने वाली कॉन्टेस्ट एंट्री फीस भी शामिल है. रेसकोर्स के मामले में जीओएम ने सुझाव दिया था कि जीएसटी को टोटलाइजर में जमा किए गए दांव के पूरे मूल्य पर लगाया जाना चाहिए और सट्टेबाजों के पास रखा जाना चाहिए.