त्योहारों में खाना बेस्वाद हो सकता है. तड़का लगाना महंगा हो सकता है. प्याज के दाम आंसू निकाल रहे हैं. एक ही दिन में प्याज का भाव तेजी से ऊपर की ओर भागा है. सोमवार को थोक मंडी में प्याज का भाव 6802 रुपए प्रति क्विंटल पर था. लेकिन, अब यह 7300 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है. रिटेल के भाव में भी जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. पहले जहां 60 रुपए प्रति किलो पर प्याज बिक रहा था. अब खुदरा मार्केट में इसकी कीमत 70-75 रुपए तक पहुंच गई हैं. 

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मेट्रो शहरों में भाव

मंगलवार को चेन्नई में प्याज का खुदरा भाव 73 रुपए प्रति किलो रहा. दूसरे मेट्रो शहरों के मुकाबले चेन्नई में प्याज सबसे महंगा बिका. दरअसल, बेमौसम बारिश के चलते प्याज तेजी से ऊपर की तरफ भाग रहा है. प्याज उत्पादक राज्यों से कम सप्लाई होने के चलते कीमतों में तेजी है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में प्याज 51 रुपए प्रति किलो, कोलकाता में 65 रुपए प्रति किलो और मुंबई में 67 रुपए प्रति किलो पर बिका.

रिकॉर्ड हाई पर दाम

दक्षिण और पश्चिमी क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से सप्लाई में रुकावट पैदा हुई और खरीफ फसल की आवक प्रभावित हुई है. आने वाले दिनों में प्याज 100 रुपए प्रति किलो के ऊपर जा सकता है. देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव (नासिक) में प्याज का भाव 7300 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया. ये इस साल का सबसे ज्यादा दाम है. मंडी कारोबारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में रिटेल मार्केट (खुदरा बाजार) में प्याज के दाम 100 रुपए के पार निकल सकता है.

क्यों महंगा हो रहा है प्याज?

कुछ दिनों से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के कई इलाको में हुई भारी बारिश से खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हुई है, जिसकी वजह से प्याज के भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं. महराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक में फसल को नुकसान हुआ है. सामान्य तौर पर खपत वाले इलाकों में इस समय कीमतों पर दबाव होता है, लेकिन बारिश से बर्बाद हुई फसल से सप्लाई प्रभावित हुई है. मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, दक्षिण और पश्चिमी क्षेत्रों में प्याज की खुदरा कीमतों में काफी उछाल है. चेन्नई में प्याज 70-75 रुपए प्रति किलो पर बिक रही है. एक साल पहले यह कीमत 33 रुपए प्रति किलो थी.

नासिक में 70 रुपए पहुंचा भाव

महाराष्ट्र का नासिक सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है. नासिक में इस वक्त प्याज की कीमत बढ़कर 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई हैं. एक साल पहले इसी वक्त प्याज 35 रुपए प्रति किलो पर बिक रही थी. देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने पिछले महीने ही इसके एक्सपोर्ट पर रोक लगाई थी.

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कब-कब होती है प्याज की खेती?

  • भारत में प्याज की खेती के तीन सीजन है.
  • पहला खरीफ, दूसरा खरीफ के बाद और तीसरा रबी सीजन.
  • खरीफ सीजन में प्याज की बुआई जुलाई अगस्त महीने में की जाती है.
  • खरीफ सीजन में बोई गई प्याज की फसल अक्टूबर दिसंबर में मार्केट में आती है.
  • प्याज का दूसरे सीजन में बुआई अक्टूबर नवंबर में की जाती है. इनकी सप्लाई जनवरी-मार्च में होती है.
  • प्याज की तीसरी फसल रबी फसल है.
  • दिसंबर-जनवरी में बुआई होती है और फसल की कटाई मार्च से लेकर मई तक होती है.
  • एक आंकड़े के मुताबिक प्याज के कुल उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में होती है.