खाद्य मंत्रालय ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ (One Nation-One Ration Card) योजना के तहत राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी (Ration Card Portability) लागू करने की टाइम पीरियड को मार्च 2021 से आगे बढ़ाने पर विचार कर रहा है. पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) में सुधार के लिए बनी एक अधिकार प्राप्त समिति की हुई मीटिंग में इस पर चर्चा हुई. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने इसकी अध्यक्षता की. पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह मीटिंग सार्वजनिक वितरण प्रणाली या पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट डेडलाइन के विस्तार की समीक्षा और मंजूरी के लिए बुलाई गई थी. इसी मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ स्कीम को लागू किया जाएगा.

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यह सिस्टम राज्यों के बीच राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी के लिए टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन उपलब्ध कराएगी. खाद्य मंत्रालय (Ministry of Food) ने एक बयान में कहा कि इस मैनेजमेंट सिस्टम के तहत अब तक किए गए काम को जारी रखने और इसे और मजबूत बनाने को देखते हुए इसे मार्च 2021 के बाद लागू करने पर विचार किया जा रहा है.

‘एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड’ स्कीम के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का फायदा पाने वालों को अपने गृह राज्य से दूसरे राज्य में जाकर रहने की स्थिति में उसी राशन कार्ड से दूसरे राज्य से खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध होगी. इस योजना के लिए नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम है. 

इस स्कीम से देश में फ़र्ज़ी राशन कार्ड को रोकने में मदद मिलेगी और देश में चल रहे भष्टाचार को रोका जा सकेगा. इस योजना के लागू होने से यदि कोई व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो उसे राशन लेने में कोई परेशानी नहीं होगी. इसका फायदा सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों को होगा. इन लोगों को पूरी खाद्य सुरक्षा मिल सकेगी.

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इस वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत देश के 23 राज्यों को 67 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा. पीडीएस स्कीम के 83 प्रतिशत लाभार्थी इससे जोड़े जाएंगे. इस योजना के तहत मार्च 2021 तक इसमें 100 प्रतिशत लाभार्थी के जुड़ने की संभावना है.