NSE Co-location case: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे (Sanjay Pandey) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को-लोकेशन घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया है. एक अधिकारी ने कहा कि पांडे को यहां एजेंसी के मुख्यालय में दिन भर की पूछताछ के बाद धन शोधन अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया. हाल ही में मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में रिटायर हुए पांडे से ED ने पहले मामले में पूछताछ की थी.

क्यों हुई गिरफ्तारी

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एजेंसी ने यह कदम NSE को-लोकेशन घोटाले में कथित रूप से पर्याप्त सबूत मिलने के बाद उठाया है. इस मामले में ED एक ऑडिट कंपनी की भूमिका जानना चाहती थी, जिसे पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने 2001 में बनाया था. इसके जरिए ED यह साबित करना चाहती है कि NSE के सर्वरों के साथ छेड़छाड़ की गई है.

 

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 2018 से इस मामले की जांच कर रही है. इस समझौते ने कई ट्रेडिंग कंपनियों में से एक सिस्टम तक अनुचित पहुंच दी थी, जिससे कि उसे अप्रत्याशित फायदा हुआ.

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क्या है आरोप

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे (Sanjay Pandey) पर आरोप है कि उनकी फर्म उन आईटी कंपनियों में से एक थी, जिसे 2010 से 2015 के बीच NSE सिक्योरिटी ऑडिट करने का जिम्मा सौंपा गया था. इसी दौरान एनएसई को-लोकेशन घोटाला हुआ था.

पांडे 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं, जो 30 जून को सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे.

 

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