आज पीएम मोदी गुजरात के वडोदरा में C-295 एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की नींव रखेंगे. यह देश का पहला प्राइवेट एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट होगा. यहां टाटा ग्रुप एयरबस के साथ मिलकर प्लांट तैयार करने जा रहा है. यह परियोजना सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को भी बड़ा प्रोत्साहन देगी. अधिकारियों ने कहा कि सरकार की नजरें अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के जरिये रक्षा क्षेत्र में परिवर्तन लाने पर है. उन्होंने कहा कि इसके लिए रक्षा मंचों और मिसाइल, तोप, विमान वाहक, ड्रोन, लड़ाकू विमान तथा हेलीकॉप्टर आदि के घरेलू स्तर पर विनिर्माण से जुड़ी कई परियोजनाएं जारी हैं. उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं सशस्त्र बलों की आधुनिकीकरण की जरूरतें पूरी करती हैं. 

एवरो विमानों को रिप्लेस किया जाएगा

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सरकार 56 C-295 एयरक्राफ्ट की मदद से 1960 की पीढ़ी के पुराने एवरो विमानों को रिप्लेस करेगी. इसका इस्तेमाल इंडियन एयरफोर्स की तरफ से किया जाता है. टाटा-एयरबस परियोजना में विमान के विनिर्माण से लेकर आपूर्ति और रखरखाव तक शामिल होंगे.

40 विमान भारत में बनाए जाएंगे

सौदे की शर्तों के अनुसार, 16 सी-295 विमानों की आपूर्ति सितंबर 2023 और अगस्त 2025 के बीच किये जाने का कार्यक्रम है. रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह परियोजना भारतीय निजी क्षेत्र को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का अवसर देती है. देश को पहला पूरी तरह मेड इन इंडिया एयरक्राफ्ट सितंबर 2026 में मिलने की उम्मीद है. उसके बाद अगले पांच साल यानी 2031 तक हर साल 8-8 एयरक्राफ्ट की डिलिवरी की जाएगी.

ऐसे विमान बनाने वाला भारत 12वां देश होगा

अधिकारियों ने कहा कि सी-295 विमान विनिर्माण केंद्र के आरंभ होने के साथ भारत इस तरह के विमान निर्मित करने की क्षमता रखने वाला 12वां देश हो जाएगा. वर्तमान में अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, इटली, स्पेन, यूक्रेन, ब्राजील, चीन के पास ही यह क्षमता है. अधिकारियों ने बताया कि वडोदरा केंद्र में शुरूआत में प्रति वर्ष आठ विमान निर्मित किये जाएंगे.

करीब 22 हजार करोड़ की है डील

बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने सितंबर 2021 में 21935 करोड़ की डील एयरबस डिफेंस एंड स्पेस, स्पेन के साथ की थी. इसके तहत वह 56 C-295MW एयरक्राफ्ट खरीदेगी. इस डील के मुताबिक, पहली बार मिलिट्री एयरक्राफ्ट का निर्माण भारत में  टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मदद से किया जाएगा. इस एयरक्राफ्ट की क्षमता 5-10 टन उठाने की होती है.  टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट के लिए यह विमान बहुत उपयोगी है.

(भाषा इनपुट के साथ)