मोदी सरकार एक और बड़े रिफॉर्म पर काम कर रही है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) यानी सरकारी राशन की दुकानों के जरिए सुविधाएं पाने वाले देश के करीब 81 करोड़ रुपये के लिए खुशखबरी है. ये लोग सरकार से सस्ता अनाज खरीदने के लिए राशन कार्ड बनवाते हैं. इस राशन कार्ड का इस्तेमाल वे एक ही राशन की दुकान पर करते हैं. इस राशन कार्ड कार इस्तेमाल किसी दूसरे शहर या राज्य में नहीं किया जा सकता, लेकिन मोदी सरकार अब एक देश-एक कार्ड योजना पर काम कर रही है.

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इस योजना का सीधा मकसद है कि एक ही कार्ड से देश की किसी भी राशन की दुकान से सामान लिया जा सकेगा. इस योजना के लिए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने संबंधित विभागों के साथ एक बैठक की है. इस योजना के लागू होने के बाद उन लोगों को बड़ा फायदा होगा जो मजदूरी या नौकरी करने किसी दूसरे शहर या राज्य में जाते हैं.

इस बारे में खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को राज्य के खाद्य सचिवों के साथ सम्मेलन में जानकारी दी. पासवान ने कहा कि 'इसका सबसे बड़ा लाभार्थी वे प्रवासी मजदूर होंगे जो बेहतर रोजगार के अवसर तलाशने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं और वे अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित पाएंगे.'

इस योजना से राशन की दुकानों पर भ्रष्टाचार में लगाम लगेगी और लोगों की किसी एक राशन की दुकान पर निर्भरता भी कम हो जाएगी. सरकार को उम्मीद है कि एक देश एक कार्ड योजना एक साल में तैयार हो जाएगी. इसे लागू करने के लिए देश में सभी राशन की दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई जाएंगी. फिलहाल कुछ राज्यों में ही राशन की दुकानों पर पीओएस मशीन लगी है. पीडीएस प्रणाली का एकीकृत प्रबंधन आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में पहले से ही चालू है, जिसमें एक लाभार्थी राज्य के किसी भी जिले से अपने हिस्से का खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है. अन्य राज्यों ने भी आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द आईएमपीडीएस को लागू किया जाएगा.