MP बोर्ड एग्जाम को लेकर बड़ी अपडेट, रिजल्ट से नाखुश छात्र फिर दे सकेंगे परीक्षा, जानिए कब शुरू होंगे रजिस्ट्रेशन
MP Board 10th 12th Result 2021: MP बोर्ड ने अपने छात्रों के लिए बड़ा एलान किया है. एमपी बोर्ड 1 सितंबर से 25 सितंबर के बीच 10वीं 12वीं कक्षाओं की स्पेशल एग्जाम कराएगी.
MP Board 10th 12th Result 2021: कोरोना महामारी (coronavirus) के प्रकोप के कारण छात्रों की पढ़ाई पर गहरा प्रभाव पड़ा है. ऐसे में देश के सभी राज्य एग्जाम से रिलेटेड छात्रों को बेहतर से बेहतर मौके उपलब्ध कराना चाह रही है. इस मामले में अब MP बोर्ड ने अपने छात्रों के लिए बड़ा एलान किया है. एमपी बोर्ड 1 सितंबर से 25 सितंबर के बीच 10वीं 12वीं कक्षाओं की स्पेशल एग्जाम कराएगी. इस एग्जाम में अपने रिजल्ट से नाखुश छात्र बैठ सकेंगे.
इस एग्जाम में शामिल होने के लिए उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जिसकी प्रक्रिया अगले महीने से शुरू कर दी जाएगी. मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने ट्वीट कर लिखा, ”परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने के लिए 1 अगस्त से 10 अगस्त 2021 तक ऑनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य होगा. दिनांक 1 सितम्बर से 25 सितम्बर 2021 के मध्य हाईस्कूल,हायर सेकेण्डरी की विशेष परीक्षाओं का आयोजन मंडल द्वारा निर्धारित परीक्षा केंद्र पर होगा.”
आखिर क्यों बोर्ड को लेना पड़ा यह फैसला
1 अगस्त से 10 अगस्त 2021 तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चलेगी. इस दौरान छात्र इसमें अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और फिर वह सितंबर में आयोजित होने वाली परीक्षा में बाग ले सकते हैं. एमपी बोर्ड 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं. ऐसे में 12वीं के छात्रों को नंबर उनके पहले बोर्ड परीक्षा यानी 10वीं के अधार पर दिया जाना था. लेकिन जो छात्र इस तरह से मार्क्स प्राप्त नहीं करना चाहते उनके लिए बोर्ड ने अब एग्जाम का एलान किया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एग्जाम को लेकर कही थी यह बात
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले ही कहा था कि अगर कोई भी बच्चा परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट रहता है तो वह पेपर दे सकता है. मध्यप्रदेश के अधिकतर स्कूलों में11वीं का परीक्षा नहीं हो पाया था. ऐसे में 10वीं के अधार पर ही बच्चों को नंबर देने के आदेश जारी किए गए थे. उदाहरण के तौर पर अगर किसी छात्र को 10वीं में गणित विषय में 100 में से 70 अंक मिले हैं, तो उसे 12वीं में भी गणित में 70 अंक ही दिए जाएंगे. लेकिन ऐसी स्थिति में दसवीं में न्यूनतम अंक वाले बच्चों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था, जिसके बाद कुछ छात्रों ने इस पर आपत्ति जताई थी. लिहाजा राज्य सरकार ने सितंबर में एग्जाम कराने का निर्णय लिया.