इस राज्य में सिनेमा टिकट, बीयर और वाइन होगी महंगी, जानिए क्यों हुआ ये फैसला?
केरल सरकार ने बाढ़ प्रभावित राज्य के पुनर्निर्माण के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के वास्ते बजट में कुछ कदम उठाए हैं.
केरल सरकार ने बाढ़ प्रभावित राज्य के पुनर्निर्माण के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के वास्ते बजट में कुछ कदम उठाए हैं. राज्य विधानसभा में आज पेश 2019-20 के बजट में सिनेमा टिकट, बियर और वाइन के दाम बढ़ाने और 'बाढ़ उपकर' लगाने का प्रस्ताव किया गया है. केरल की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृ्त्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार ने बाढ़ के बाद बृहस्पतिवार को अपना पहला बजट पेश किया. इस दौरान, वित्त मंत्री टीएम थॉमस इसाक ने बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण गतिविधियों पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि पिछले साल बाढ़ में तबाह हुए केरल के पुनर्निर्माण के लिए 25 नई परियोजनाओं का प्रस्ताव किया गया है. इसाक ने कहा, "यह बजट नए केरल के निर्माण के लिए है." 'केरल पुनर्निर्माण' पहल के लिए 1,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं.
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए सोना, चांदी और प्लैटिनम के आभूषण सहित पांचवीं अनुसूची में आने वाले सभी उत्पादों पर 0.25 प्रतिशत का 'बाढ़ उपकर' लगाया जाएगा. यह उपकर आपूर्ति मूल्य पर लगेगा. जीएसटी कर व्यवस्था के तहत 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के दायरे में आने वाली सभी वस्तुओं और सभी सेवाओं पर एक प्रतिशत की दर से बाढ़ उपकर लगाया जाएगा.
इसाक ने कहा कि यह उपकर दो साल के लिए होगा. इस कदम से हर साल 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा. बजट में बियर, वाइन समेत सभी तरह की विदेशी शराबों की पहली बिक्री पर कर की दर में दो प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव किया गया. इससे 180 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है. इसके अलावा सिनेमा देखना भी महंगा होगा. बजट में स्थानीय निकायों को फिल्म टिकटों पर 10 प्रतिशत का 'मनोरंजन कर' लगाने की मंजूरी दी गई है.
इसाक ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिश के मुताबिक, सिनेमा टिकटों पर शुल्क को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है. हालांकि, राज्य सरकार ने इस पर स्थानीय निकाय को 10 प्रतिशत अतिरिक्त मनोरंजन कर लगाने की अनुमति दी है. केरल सरकार ने बजट में नई मोटरसाइकिलों, कारों और निजी उद्देश्य के लिए उपयोग होने वाले निजी सेवा वाहनों पर एक प्रतिशत का शुल्क लगाया है. इससे 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व जुटाने में मदद मिलेगी.
आवासीय इमारतों के लिए विलासिता कर की दरों में भी संशोधन का प्रस्ताव है. लाखों लाभार्थियों को फायदा देते हुए सभी कल्याणकारी पेंशनों में 100 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. इसाक ने कहा कि कुल बजट खर्च 1.42 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.