बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में अप्रैल से दिसम्बर के बीच 1,20,372 नए तथा 44,36,400 नवीकृत सहित कुल 15,56,772 किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का वितरण बैंकों द्वारा किया गया है.

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बिहार विधानसभा में सरकार की ओर से जवाब देते हुए सुशील ने बुधवार को कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में दिसम्बर, 2019 तक 1,20,372 नए तथा 44,36,400 नवीकृत सहित कुल 15,56,772 केसीसी का वितरण बैंकों द्वारा किया गया है.

उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड निर्गत करने के लिए फसल बीमा की अनिवार्यता पर जोर दिये जाने के कारण विगत कुछ वर्षों में नए कार्ड कुछ कम जारी हुए थे.

सुशील ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष उठाया गया था. अब केसीसीसी. ऋण के लिए फसल बीमा की अनिवार्यता को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समाप्त कर दिया गया है.

सुशील ने कहा कि किसानों को क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ दिलाने के उद्देश्य से, कृषि विभाग द्वारा गत 12 फरवरी से 27 फरवरी तक 15 दिनों के लिए विशेष अभियान चलाया गया. 

वित्तीय वर्ष 2019-20 में 31 दिसम्बर, 2019 तक वार्षिक साख योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र में 28764 करोड़ रुपये ऋण वितरित किये गये है जो कि निर्धारित लक्ष्य 60,000 करोड़ रुपये का 47.17 प्रतिशत है. पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में वार्षिक साख योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा कृषि क्षेत्र में 43621 करोड़ रुपये ऋण वितरित किये गये थे जो कि निर्धारित लक्ष्य 60,000 करोड़ रुपये का 72.70 प्रतिशत था.

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उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष दिसम्बर, 2019 तक कृषि टर्म लोन के निर्धारित लक्ष्य 15,752 करोड रुपये के विरुद्ध 11,101 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 70.48%), किसान क्रेडिट कार्ड के अन्तर्गत 13393 करोड़ रुपये, कृषि यांत्रिकरण में लक्ष्य 3755 करोड़ रुपये के विरुद्ध 270 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 7.19%,), कृषि अधारभूत संरचना में लक्ष्य 4390 करोड़ रुपये के विरुद्ध 113 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 2.58%), भंडारण सुविधा में निर्धारित लक्ष्य 3144 करोड़ रुपये के विरुद्ध 14 करोड रुपये (लक्ष्य का 0.46%), खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण में निर्धारित लक्ष्य 3347 करोड़ रुपये के विरुद्ध 694 करोड रुपये (लक्ष्य का 20.75%), डेयरी में लक्ष्य 4029 करोड़ रुपये के विरुद्ध 851 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 24.38%), मत्स्यन में लक्ष्य 960 करोड़ 'रुपये के विरुद्ध 19 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 2.05%) तथा मुर्गीपालन में लक्ष्य 16571 करोड़ रुपये के विरुद्ध 102 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 6.11%) के कर्ज वितरित किये गए.