Morbi Latest Update: गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) में  मच्छु नदी (Machchhu River) पर बना केबल ब्रिज रविवार शाम करीब साढ़े 6 बजे टूट गया. इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ी है. जी न्‍यूज नेटवर्क को मिली जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में अब तक 137 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने इस हादसे में अबतक 132 लोगों के मौत की पुष्टि की है. कई लोग अभी तक लापता हैं जिनकी तलाश जारी है. शव की शिनाख्त के बाद शवों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. मच्छु नदी से शवों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है. 

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने मोरबी हादसे पर दुख जताया है. गुजरात सरकार ने मोरबी हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं. जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है. मच्छु नदी में गिरे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए टीमें जुटी हुई हैं. आशंका है कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है.

हाई पावर कमेटी का गठन 

गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि अब तक कुल 132 लोगों की मृत्यु इस हादसे में हुई है. नेवी, NDRF, वायुसेना और सेना तेजी से पहुंच गई, पूरी रात (खोज और बचाव कार्यों के लिए) 200 से अधिक लोगों ने काम किया है. CM ने अहमदाबाद से रवाना होते हुए कल ही एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था. विभिन्न स्थानों पर तैनात सभी अधिकारियों को सुबह दो बजे तक मोरबी में रिपोर्ट करने को कहा गया है, जांच चल रही है. उन्‍होंने बताया कि आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. रेंज IGP के नेतृत्व में आज से जांच शुरू हो गई है. गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी मोरबी घटनास्थल पर मौजूद हैं. बचाव अभियान जारी है.

मोरबी में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी 

मोरबी हादसे के बाद पूरा सरकारी तंत्र रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में जुट गया है. मोरबी में वायुसेना के 30 जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं. इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर राहत-बचाव का कार्य कर रही हैं. शवों की शिनाख्त की जा रही है. मच्छु नदी से शवों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है. मुश्किल में फंसे लोग हेल्पलाइन नंबर 02822243300 पर कॉल कर सकते हैं.

बता दें, मोरबी के केबल ब्रिज पर जाने के लिए सैलानियों से 17 रुपये चार्ज किए जाते थे और बच्चों का टिकट 12 रुपये था. पुल की मरम्मत के बाद सब कुछ सही चल रहा था. यही वजह है कि रविवार के दिन बड़ी संख्या में सैलानी आए थे. सवाल ये है कि अगर ब्रिज की कैपेसिटी ज्यादा नहीं थी तो जरूरत से ज्यादा लोगों को टिकट देकर झूलते पुल पर जाने के क्यों दिया गया?