सोमवार 14 सितंबर यानी कल से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में इस बार कोरोना महामारी के चलते कई बदलाव दिखाई देंगे. इस बार सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन होगा कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए कागज का कम से कम इस्तेमाल किए जाने का प्रयास किया जा रहा है. 

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संसद में सांसद अपनी अटेंडेंस डिजिटल तरीके से लगाएंगे. सदन में आने वाले सभी लोगों के शरीर के तापमान की जांच के लिए थर्मल गन और थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल किया जाएगा. सदन के भीतर 40 जगहों पर टचलेस सैनिटाइटर लगाए जाएंगे और आपातकालीन मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की सुविधा भी होगी. 

संसद सत्र को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस दौरान जानकारी दी कि 257 सांसदों को सदन के मेन हॉल में और 172 सांसदों को विजिटर गैलरी में बैठाया जाएगा. इसके अलावा लोकसभा के 60 सदस्य राज्यसभा के मेन हॉल में बैठेंगे. 51 सदस्य उच्च सदन (राज्यसभा) की गैलरी में बैठेंगे. कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने के लिए एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी. सत्र से पहले सभी सदस्यों को अपना कोरोना टेस्ट कराना होगा.

संसद परिसर में वो लोग ही दाखिल हो सकेंगे जिनके पास COVID-19 negative report होगी. कोरोना टेस्ट भी 72 घंटे से पहले का नहीं होना चाहिए. संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पूरे संसद परिसर को लगातार सेनेटाइज किया जाएगा.

 

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इस बार संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर यानी सोमवार से शुरू रहा है. संसद सत्र 1 अक्तूबर को समाप्त होगा. लोकसभा हर रोज 4 घंटे काम होगा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि जीरो आवर की अवधि भी कम करके आधे घंटे कर दी गई है और कोई प्रश्नकाल नहीं होगा. हालांकि लिखित प्रश्न पूछे जा सकते हैं और उनका जवाब मिलेगा.