Monsoon 2023: दक्षिणपूर्व अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' में बदल गया है. IMD के अनुसार, 7 जून से इन क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान के और तेज होने की संभावना है. ऐसा अनुमान है कि ये चक्रवाती तूफान तेजी से देश के तटीय इलाके की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है. वहीं इस तूफान के और तेज होने की संभावना है. इसको लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. इसी के साथ IMD ने मछुआरों को समुद्र के किनारे नहीं जाने की चेतावनी दी है. 

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मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए बताया कि चक्रवाती तूफान बीते कुछ घंटों में 5 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उत्तर की तरफ को बढ़ रहा है. आने वाले समय में गंभीर तूफान का रूप धारण कर सकता है. IMD ने गरुवार को बताया कि पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय 8 जून यानि आज गोवा से लगभग 920 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, मुंबई से 1050 किमी दक्षिण पश्चिम, पोरबंदर से 1130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और कराची से 1430 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित था. इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है.

10 जून तक समुद्र में ऊंची लहरें उठने की संभावना

इस दौरान केरल-कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप-मालदीव इलाकों में छह जून और कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर आठ से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है. समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गयी है. आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मॉनसून का केरल तट की ओर आगमन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है.

कब मॉनसून देगा दस्तक?

मौसम विभाग ने केरल में मॉनसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई. निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मॉनसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है लेकिन इस दौरान हल्की बारिश की ही संभावना है. उसने कहा, ‘अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मॉनसून के आगमन को प्रभावित करती हैं. इसके प्रभाव में मॉनसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा.’

स्काईमेट ने पहले मॉनसून के 7 जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान जताया था और यह तीन दिन पहले या बाद में हो सकता है. स्काईमेट ने कहा था, ‘दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के इस समयावधि के भीतर आने की संभावना है. मॉनसून की शुरुआत तब मानी जाती है जब लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में लगातार दो दिनों में निर्धारित वर्षा होती है. 8 या 9 जून को बारिश और बढ़ सकती है. हालांकि मॉनसून की शुरुआत जोरदार तरीके से नहीं हो सकती है.’

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