Monkeypox Vaccine: कोरोना महामारी के बाद अब मंकीपॉक्स ने पूरी दुनिया में अपना आतंक फैला रखा है. भारत में भी इसके 8 मामले मिलने के बाद पूरे देश की हेल्थ एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. वहीं सरकार ने भारत में मंकीपॉक्स की वैक्सीन बनाने के लिए फार्मा कंपनियों से टेंडर भी मंगाया है. इन सबके बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के CEO अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने मंगलवार को कहा कि देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते उनकी कंपनी मंकीपॉक्स की वैक्सीन (Monkeypox Vaccine) बनाने के लिए रिसर्च कर रही है.

देश में मंकीपॉक्स के आठ मामले

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पूनावाला मंगलवार को निर्माण भवन में हेल्थ मिनिस्टर मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) को अपनी कंपनी की तैयारियों का ब्यौरा दे रहे थे. भारत में अब तक मंकीपॉक्स के आठ मामले सामने आए हैं. मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में 35 वर्षीय एक व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई है.

सरकार ने निकाला टेंडर

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के आदेश पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे द्वारा पहले ही मंकीपॉक्स के वायरस (Monkeypox Virus) को पृथक कर लिया गया है.

ICMR ने 27 जुलाई को एक मंकीपॉक्स पर लगाम लगाने के लिए स्वदेशी वैक्सीन और टेस्टिंग किट बनाने के लिए एक टेंडर निकाला है. जिसमें इच्छुक भारतीय वैक्सीन निर्माता कंपनियां, फार्मा कंपनियां आदि एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) दाखिल कर सकती हैं.

मंकीपॉक्स के लिए बना टास्क फोर्स

इस बीच, देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों की बारीकी से निगरानी करने के लिए कार्यबल का गठन किया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बताते हुए इसे वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति घोषित किया है.

क्या है मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है, यानी कि जानवरों के मनुष्यों में फैलने वाला वायरस. इसके लक्षण देखने में चेचक के रोगियों जैसे होते हैं, हालांकि यह क्लिनकली चेचक से कम गंभीर होता है. मंकीपकॉक्स (Monkeypox) वायरस के दो अलग-अलग जेनेटिक ग्रुप हैं- सेंट्रल अफ्रीकन (कांगो बेसिन) क्लैड और वेस्ट अफ्रीकन. प्रसार के मामले में कांगो बेसिन मंकीपॉक्स ने ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है.

क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स (Monkeypox) होने पर रोगी में आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, शरीर पर चकते का निशान, गले में खराश, खांसी, लिम्फ नोड्स में सूजन आदि देखने को मिलता है. इसके साथ ही रोगी के शरीर पर घाव के निशान देखे जा सकते हैं, जो कि बुखार की शुरुआत के 1 से तीन दिन के भीतर देखे जाते हैं और दो से चार सप्ताह तक चलते हैं. इनमें दर्द और खुजली भी होता है. यह हथेलियों और तलवों में ज्यादा देखा जा सकता है.